आवक में गिरावट से महंगी हुईं सब्जियां, 125 रुपये किलो गाजर और बीन्स.. जानें आलू, टमाटर का रेट
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के कारण चेन्नई के कोयंबेडु थोक बाजार में सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हुई. बीन्स और बरबटी जैसी मौसमी सब्जियों के दाम थोक में 80-90 रुपये और खुदरा में 120-140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. आपूर्ति कम और मांग बनी रहने से कीमतें बढ़ी हैं.
Vegetable Price Hike: तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में लगातार भारी बारिश के कारण सब्जियों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे चेन्नई के कोयंबेडु थोक बाजार में दाम तेजी से बढ़ गए हैं. रोजमर्रा की सब्जियां जैसे बीन्स, बरबटी और गाजर की कीमतें खुदरा बाजार में 125 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं, जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल, बारिश के कारण खेतों में जलभराव हो गया है, जिससे फसल की कटाई, भंडारण और बाजार तक परिवहन में दिक्कतें आ रही हैं. कोयंबेडु प्याज व्यापार संघ के अध्यक्ष वीआर साउंडरराजन के अनुसार, बाजार में रोजाना करीब 400 ट्रक सब्जियां आती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ 250 रह गई है. आपूर्ति में इस भारी कमी और मांग के बने रहने से सब्जियों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हो गई है.
जहां प्याज, टमाटर और आलू जैसी जरूरी सब्जियों के थोक दाम 20 से 30 रुपये प्रति किलो के बीच स्थिर बने हुए हैं, वहीं सर्दियों की मौसमी सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं. आम तौर पर इस मौसम में बीन्स करीब 50 रुपये प्रति किलो मिलती है, लेकिन अब इसका थोक भाव 90 रुपये और खुदरा कीमत 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. इसी तरह, बरबटी (ब्रॉड बीन्स) का थोक भाव 80 रुपये प्रति किलो है, जो खुदरा बाजार में 100 से 120 रुपये तक बिक रही है. व्यापारियों का कहना है कि अगर बारिश थम गई और फसल की कटाई व परिवहन सामान्य हुआ, तो आने वाले दिनों में कीमतों में कुछ कमी आ सकती है.
क्या कहते हैं स्थानीय व्यापारी
न्यूज9 की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉनसून के दौरान बढ़े हुए संचालन खर्च को ध्यान में रखते हुए खुदरा विक्रेता सब्जियों की कीमत बढ़ने का बचाव कर रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस मौसम में परिवहन और मजदूरी की लागत काफी बढ़ गई है. साथ ही बारिश के कारण बाजार में पहुंचने वाली सब्जियों की गुणवत्ता खराब हो गई है, जिससे अपव्यय बढ़ गया है. एक खुदरा विक्रेता ने कहा कि हम नुकसान को कवर करने के लिए कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर हैं. जब हम बड़ी मात्रा में खरीदते हैं, तो कुछ सब्जियां पहले ही सड़ी या ओवररिप होती हैं, जिन्हें हमें फेंकना पड़ता है.इसलिए अंतिम कीमत केवल अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियों की लागत को दर्शाती है.
100 रुपये किलो बिक रही है मटर
हालांकि, राहत की बात यह है कि सर्दियों की नई सब्जियों की आवक शुरू हो गई है. मटर, बटर बीन्स और डबल बीन्स जैसे सब्जियां बाजार में आ रही हैं. हालांकि इनकी कीमतें अभी भी उच्च हैं. मटर का थोक भाव 100 रुपये प्रति किलो और बटर बीन्स व डबल बीन्स 200 रुपये प्रति किलो है. लेकिन इनकी गुणवत्ता अच्छी बताई जा रही है.