Home Gardening Tips: सर्दियों का मौसम आने वाला है और इस सीजन में लोगों के बीच सब्जियों की खपत बहुत बढ़ जाती है. जिसके कारण बाजार में सब्जियों की मांग बढ़ जाती है. यही वजह है कि इस मौसम में किसान भी सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. वैसे तो बाजार में हर तरह की सब्जियां उपलब्ध हैं लेकिन फिर भी आप मिलावटी सब्जियों से बचना चाहते हैं और ताजी सब्जियों का स्वाद लेना चाहते हैं तो ये आसान है. क्योंकि आप इन सब्जियों को आसानी से अपने घर के गार्डन में उगा सकते हैं.
सर्दियों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सब्जियों की बात करें तो मूली का नाम सबसे पहले आता है. चाहे सलाद हो, मूली का साग हो या फिर अचार हो, लोग इसको अपनी पसंद के अनुसार इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में अगर आप ताजी और शुद्ध मूली का सेवन हर दिन करना चाहते हैं और साथ ही गार्डनिंग का शौक रखते हैं, तो बस 5 आसान सी टिप्स को फॉलो कर मूली को अपने घर में ही उगा सकते हैं. खास बात ये है कि एक गमले से आप करीब 7 से 8 मूली ले सकते हैं.
1- सही गमले का चुनाव करें
मूली की जड़ें लंबी होती हैं इसलिए घर में इसे उगाने के लिए कम से कम 30 से 35 सेंटीमीटर गहरा गमला लेना जरूरी है और गमले की चौड़ाई करीब 20 से 25 सेंटीमीटर होनी चाहिए. वहीं अगर किसी लंबी ट्रे में कई पौधों का रोपाई करते हैं तो चौड़ाई कम से कम 30 सेंटीमीटर रखें. आप इसके लिए मिट्टी के गमले ले सकते हैं, साथ ही ग्रो बैग में मूली उगाना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है. ध्यान रहे कि गमले में 3 से 4 छेद जरूर हों ताकि पानी निकलता रहे. अगर गमले में पानी जम जाएगा तो पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं.
2- मिट्टी की तैयारी
मूली को उगाने के लिए आमतौर पर हल्की अम्लीय मिट्टी सही मानी जाती है जिसका pH मान 6.0 से 7.0 तक होना चाहिए. गमले में डालने के लिए 50 प्रतिशत आपने गार्डन की मिट्टी या बागवानी मिट्टी लें. इसमें 30 प्रतिशत अच्छी क्वालिटी की कंपोस्ट या फिर सड़ी हुई गोबर की खाद लें और साथ ही 20 प्रतिशत मोटी रेत लें. इसके बाद गमले के दो तिहाई हिस्से में पहले मिट्टी डालें , उसके ऊपर कंपोस्ट और आखिर में रेत डालें.
3- इस विधि से गमले में डालें बीज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मूली के बीजों को मिट्टी में करीब 1 से 1.5 सेंटीमीटर गहराई में बोएं. अगर आप किसी चौड़ी जगह पर बीज लगा रहे हैं तो कतार से कतार की दूरी करीब 2 से 3 इंच यानी 5 से 7 सेंटीमीटर रखें. बता दें कि, आमतौर पर 3 से 7 दिनों में बीज अंकुरित हो जाते हैं, हालांकि ठंड के मौसम में अंकुरण धीमा हो सकती है. एक बार पौधे अंकुरित हो जाएं तो कमजोर पौधों को काटकर बाकी पौधों के बीज 5 से 7 सेंटीमीटर की दूरी रखें. क्योंकि, ये मूली की जड़ों के विकास के लिए जरूरी है. अगर आप लगातार ताजी मूली चाहते हैं तो हर दिन 10 से 15 दिन में कुछ नए बीज बोते रहते हैं.
4- सिंचाई और सही देखभाल
मूली के पौधे के अच्छे विकास के लिए मिट्टी में हल्की नमी बनाकर रखें पर ध्यान रहें कि पानी जमा नहीं होना चाहिए. बता दें कि, मूली का पौधा जल्दी सूखता है इसलिए मौसम के अनुसार हर 2 से 3 दिन पर पानी दें. गर्मियों के दिनों में पौधे को रोज हल्का पानी दें. बात करें पौधे को खाद देने की तो रोपाई के 2 से 3 हफ्ते बाद पौधे को वर्मी कंपोस्ट या घुलनशील जैविक खाद हर 10 से 15 दिन पर दें.
5- कटाई का सही समय
गमले में मूली के बीजों की बुवाई के करीब 30 से 40 दिन बाद तैयार हो जाती हैं. मूली की जड़ें जब मोटी और आकार में गोल दिखें तो उसे गमले से निकाल लें. अगर मूली को देर से निकाला जाए तो मूली कड़वी या फिर लकड़ी जैसी हो सकती है. बता दें कि, मूली के पौधे को कीटों से बचाने के लिए नीम तेल का छिड़काव, साबुन के पानी का छिड़काव या फिर हाथ से संक्रमित पत्तियों को हटाया जा सकता है.