Chickpea Farming: चना रबी सीजन की प्रमुख और किसानों को अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है. लोगों को पोषण देने के साथ-साथ चने की फसल किसानों को भी अच्छी आमदनी देती है. रबी सीजन की शुरुआत होने के साथ ही देशभर के किसान चने की बुवाई में जुट गए हैं. लेकिन चने की खेती करने वाले किसानों के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वो है फसल पर कीटों और रोगों का आक्रमण हो जाना, जिस कारण न केवल फसल चौपट होती है बल्कि किसानों के सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है. ऐसे में अगर आप किसान हैं और इस रबी सीजन चने की खेती करना चाहते हैं तो बुवाई से पहले ये 5 काम जरूर कर लें.
1- खेत की गहरी जुताई जरूर करें
चने की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या काली मिट्टी बेस्ट मानी जाती है. इसकी खेती के लिए सबसे पहले किसानों को खेत की अच्छे से 3 से 4 बार गहरी जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी में छिपे कीट और लार्वा नष्ट हो जाएं. साथी ही खेती की मिट्टी भुरभुरी हो जाए खरपतवार भी नष्ट हो सकें. इसके बाद पाटा चलाकर खेत की मिट्टी को समतल कर लें ताकि खेत में पानी जमा नहीं हो.
2- बुवाई से पहले करें बीज उपचार
खेत की तैयारी करने के बाद सबसे जरूरी काम होता है बुवाई से पहले बीजों का उपचार करना. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बुवाई से पहले कार्बेन्डाजिम या ट्राइकोडर्मा जैसी फफूंदनाशी दवाओं से बीजों का उपचार कर लें ताकि बीजों की अंकुरण दर में तेजी आए और फसल रोगमुक्त हो. बीज उपचार करने से फसल में गलन रोग और फफूंद लगने का खतरा कम हो जाता है.
3- सही समय पर करें बुवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चने की बुवाई का बेस्ट समय मध्य अक्टूबर से नवंबर मध्य तक होता है. बीजों की बुवाई करते समय किसानों को ध्यान रखना होगा कि खेत में बीजों को कम से कम 30 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारों में लगाएं. बीजों को मिट्टी में 4 से 5 सेंटीमीटर गहराई पर डालें. इस तरह बुवाई से पौधों को हवा-पानी मिलती रहेगी और कीटों का असर भी कम होगा.
4- खेत को जलभराव से बचाएं
आमतौर पर चने की फसल सूखे के प्रति सहनशील होती है लेकिन फिर भी फसल लगाने के शुरुआती दिनों में हल्की नमी जरूरी है. इसलिए चने की फसल को जरूरत अनुसार ही पानी दें. बता दें कि, जरूरत से ज्यादा पानी देने पर फसल पर जड़ सड़न (Root Rot)और फफूंद रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खेत में जल निकासी के लिए सही इंतजाम करें. किसान चाहें तो खेतों में मेड़ बनाकर पानी निकालने का इंतजाम करें.
5- शुरुआत में ही करें कीट नियंत्रण
चने की फसल में सबसे ज्यादा नुकसान फल छेदक कीट (Pod Borer) पहुंचाता है. इसलिए किसानों के लिए जरूरी है कि फसल लगाने के 20 से 30 दिन की हो जाए, उसी समय नीम तेल या फेरोमोन ट्रैप लगा दें. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर फसल पर स्पिनोसैड या इमामेक्टिन बेन्झोएट जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें.