चने की खेती के लिए बेस्ट है सिंचाई की ये तकनीक, जान लें पानी देने का सही समय

चने की फसल की सही समय पर सिंचाई करना बेहद जरूरी होता है . पौधों के विकास और उनकी अच्छी उपज के लिए जरूरी है कि किसान सिंचाई का खास ध्यान रखें.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 4 May, 2025 | 04:01 PM

चना दलहनी फसलों में प्रमुख फसल है. इसकी मांग बाजार में साल भर रहती है. किसान चने की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किसानों को चने की खेती के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए. किसानों को हमेशा चने की उन्नत किस्मों की खेती करनी चाहिए जिनसे अच्छी पैदावार होती है और मुनाफा भा होता है. आज हम बात करने वाले हैं कि चने की खेती के लिए सिंचाई की कौन सी तकनीक बेहतर और सबसे अच्छी है. चने की खेती के लिए स्प्रिंकलर सिंचाई और रेज्ड बेड तकनीक सबसे बेस्ट मानी जाती है.

चने की फसल पर करें स्प्रिंकर सिंचाई

स्प्रिंकलर तकनीक से सिंचाई करने पर फसल पर पानी बरारबर मात्रा में जाता है.जिससे चने के पौधे को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है. इस तकनीक से पानी सीधा मिट्टी पर नहीं पड़ता है जिससे खरपतवार के उगने का खतरा भी कम हो जाता है. इस तकनीक के इस्तेमाल से किसान करीब 25 से 30 फीसदी पानी की बचत कर सकते हैं.

खेत में इस तरह से दें पानी

चने की फसल पर स्प्रिंकलर तकनीक से कम से कम तीन चरणों में सिंचाई करनी चाहिए. पहली सिंचाई फसल की बुवाई के करीब 40 दिनों बाद, दूसरी सिंचाई बुवाई के 80 दिनों बाद वहीं तीसरी सिंचाई बुवाई के 110 दिनों बाद करनी चाहिए. इससे पौधो को समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहता है.

रेज्ड बेज तकनीक से करें सिंचाई

इस तकनीक में चने की फसल की कतारें ऊंची मेढ़ पर लगाई जाती है, जिससे पानी बेहतर तरीके से पौधों तक पहुंतचा है. पारंपरिक क्यारी विधि से सिंचाई करने की तुलना में रेज्ड बेज तकनीक से किसान पानी की बचत तो करते ही हैं. इसके साथ ही पौधों की उपज लगभग 20 फीसदी तक बढ़ जाती है. इस तकनीक की मदद से नमी वाली जमीन में भी अच्छा उत्पादन होचा है और पानी को निकलने में भी आसानी होती है.

सही समय पर करें सिंचाई

चने की फसल की सही समय पर सिंचाई करना बेहद जरूरी होता है . पौधों के विकास और उनकी अच्छी उपज के लिए जरूरी है कि किसान सिंचाई का खास ध्यान रखें. जरूरत से ज्यादा सिंचाई पौधे के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. इसलिए नियंत्रित मात्रा में सही समय पर इसकी फसल की सिंचाई करनी चाहिए.

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Published: 4 May, 2025 | 04:01 PM

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