आज बाजार में कई तरह के फर्टिलाइजर मौजूद हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा दो मुख्य प्रकारों की होती है, ठोस (solid) फर्टिलाइजर और पानी में घुलनशील (water-soluble) फर्टिलाइजर. दोनों के अपने-अपने फायदे हैं, और कुछ सीमाएं भी. इन दोनों में क्या अंतर है, इसे समझना हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जो मिट्टी से जुड़ा काम करता है, चाहे वह छोटा किचन गार्डन हो या बड़ा खेत.
ठोस फर्टिलाइजर और कैसे काम करते हैं?
ठोस फर्टिलाइजर वैसे खाद होते हैं जो दाने या पाउडर के रूप में मिलते हैं. ये सीधे मिट्टी पर डाले जाते हैं और बारिश या सिंचाई के पानी के सहारे धीरे-धीरे घुलते हैं. पौधों की जड़ों तक पोषक तत्व पहुंचाने में थोड़ा समय जरूर लगता है, लेकिन इनकी खास बात यही है कि ये लंबे समय तक असर दिखाते हैं.
किसानों के बीच ठोस फर्टिलाइजरों की लोकप्रियता इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि ये सस्ते होते हैं और स्टोर करने में भी परेशानी नहीं होती. एक बार खेत में डाल दिया, तो महीनों तक आपको दुबारा खाद देने की जरूरत नहीं पड़ती. हालांकि, अगर मिट्टी में नमी कम हो या बारिश ना हो, तो ये फर्टिलाइजर घुल नहीं पाते और पौधे तुरंत फायदा नहीं उठा पाते. यानी इनकी पूरी क्षमता मौसम और मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करती है.
घुलनशील फर्टिलाइजर: तुरंत असर
अब बात करते हैं पानी में घुलनशील फर्टिलाइजरों की. ये फर्टिलाइजर हाल के वर्षों में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं, खासकर उन किसानों के बीच जो हाई-टेक खेती या ग्रीनहाउस में काम करते हैं. जैसे ही आप इन्हें पानी में मिलाते हैं, ये तुरंत घुल जाते हैं और पौधों को पोषक तत्व मिल जाते हैं. इन्हें आप सिंचाई के पानी में मिलाकर भी दे सकते हैं या फिर पत्तियों पर छिड़काव (spray) कर सकते हैं.
इन फर्टिलाइजरों का सबसे बड़ा फायदा यही है कि ये बहुत जल्दी असर दिखाते हैं. अगर आपके पौधे में किसी खास पोषक तत्व की कमी हो गई है, तो यह तरीका सबसे तेज और असरदार है. साथ ही, आप जरूरत के हिसाब से पोषक तत्वों का सही मिश्रण बना सकते हैं जैसे कि ज्यादा फॉस्फोरस चाहिए या नाइट्रोजन कम करनी है, तो आप खुद तय कर सकते हैं.
हालांकि, इनका इस्तेमाल करते समय थोड़ी सावधानी भी जरूरी होती है. अगर मात्रा ज्यादा हो जाए या पानी में अच्छे से ना घोला जाए, तो इससे पौधे की जड़ें या पत्तियां जल सकती हैं. इसके अलावा, क्योंकि ये जल्दी असर करते हैं, इसलिए जल्दी खत्म भी हो जाते हैं. इसका मतलब ये है कि आपको बार-बार इनका इस्तेमाल करना पड़ेगा, जिससे लागत बढ़ सकती है.
जरूरत के हिसाब से फर्टिलाइजर चुनें
अब जब आप दोनों तरह के फर्टिलाइजरों को समझ चुके हैं, तो यह तय करना आसान हो जाता है कि किस स्थिति में कौन-सा फर्टिलाइजर बेहतर रहेगा. अगर आपको धीरे-धीरे और लंबे समय तक पोषण चाहिए, तो ठोस फर्टिलाइजर बढ़िया विकल्प हैं. लेकिन अगर आपके पौधों को तुरंत मदद चाहिए या आप खास तरह की खेती कर रहे हैं जहां पोषण का कंट्रोल बहुत जरूरी है, तो पानी में घुलने वाले फर्टिलाइजर ज्यादा असरदार होंगे.
असल में, कई बार किसान दोनों का मिश्रण करके भी इस्तेमाल करते हैं, ठोस फर्टिलाइजर से बेस तैयार करते हैं और घुलनशील फर्टिलाइजरों से पौधों को जरूरत के मुताबिक समय-समय पर पोषण देते रहते हैं.