सब्जी फसलों की 129 नई हाइब्रिड किस्में तैयार, जलवायु बदलाव से उपज को नहीं होगा नुकसान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सब्जी फसलों में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक जलवायु अनुकूल नई किस्में विकसित करने में जुटे हैं, जो कम लागत में ज्यादा उपज देंगी.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 27 Jun, 2025 | 07:17 PM

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सब्जियों की खेती में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाना होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सब्जी फसलों में किसानों को नई मॉडर्न तकनीक और स्मार्ट खेती के उपायों को अपनाने के बारे में जागरूक करने की जरूरत है. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों से जुड़े वैज्ञानिकों को किसानों से संवाद बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि वाराणसी के सब्जी शोध संस्थान के वैज्ञानिक जलवायु अनुकूल सब्जी फसलों की किस्मों को तैयार कर रहे हैं. शोध संस्थान ने सब्जी फसलों की 129 हाईब्रिड किस्में तैयार की हैं.

सब्जी उत्पादन के लिए तकनीक जरूरी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उत्तर प्रदेश में वाराणसी के ICAR–भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) की गतिविधियों की समीक्षा की और अधिकारियों और वैज्ञानिकों से चर्चा कर नवाचारों की जानकारी ली. कृषि मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने, सब्जी उत्पादन में तकनीक के उपयोग और अनुसंधान की दिशा में संस्थान के प्रयासों की सराहना की.

जलवायु अनुकूल किस्में विकसित करने पर जोर

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (ICAR–IIVR) वाराणसी के वैज्ञानिक लागतार सब्जी फसलों की किस्मों के विकास पर काम कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का जोर रोग रहित और सूखा-बारिश मौसम में तैयार होने वाली किस्मों पर है. इसके साथ ही जलवायु अनुकूल किस्मों को भी विकसित किया जा रहा है. नई किस्मों को उत्तर प्रदेश के किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है.    

33 सब्जी फसलों की 129 हाईब्रिड किस्में विकसित

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (ICAR–IIVR) वाराणसी ने विकसित की गई नई किस्मों का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि संस्थान ने 33 सब्जी फसलों की 129 हाइब्रिड वैरायटी को विकसित किया गया है. बताया गया कि 30 सब्जी फसलों में 2018-24 के दौरान 77 किस्में विकसित की गई, जिनमें 14 हाइब्रिड किस्में हैं. इसके अलावा 63 फ्री पॉलिनेटेड किस्में भी शामिल हैं. सीबीआरसी से 25 और एसबीआरसी उत्तर प्रदेश से 52 किस्में को नोटिफाई भी किया गया है.

‘लैब-टू-लैंड’ जोड़कर खेती में उपलब्धियां मिलेंगी

केंद्रीय कृषि मंत्री लगातार अलग-अलग शहरों में आईसीएआर के केंद्रों में विजिट करके समीक्षा कर रहे हैं. बीते दिन वह मध्य प्रदेश इंदौर में थे, जहां सोयाबीन की खेती और उत्पादन बढ़ाने पर मंथन किया गया है. उन्होंने कहा कि देश में पिछले 11 साल में 44% खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है. ‘लैब-टू-लैंड’ जोड़कर खेती में और तेजी से उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं. कपास पर कोयंबटूर, गन्ने पर मेरठ, दलहन पर कानपुर में संवाद किया जाएगा.

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Published: 27 Jun, 2025 | 06:49 PM

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