पंजाब में गेहूं खरीद सीजन समाप्त: 129 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी, निजी व्यापारियों का हिस्सा बढ़ा
इस साल एक खास बात यह रही कि निजी व्यापारियों की भागीदारी बढ़कर 8.23 फीसदी हो गई, जो कि पिछले साल के 5.51 फीसदी की तुलना में काफी ज्यादा है.
पंजाब में गेहूं खरीद सीजन अब लगभग खत्म हो गया है और इस साल कुल 129 लाख मीट्रिक टन (LMT) गेहूं की खरीद की गई है. इसमें 118 LMT गेहूं सरकारी एजेंसियों ने और करीब 10 LMT गेहूं निजी व्यापारियों ने खरीदा है.
इस साल एक खास बात यह रही कि निजी व्यापारियों की भागीदारी बढ़कर 8.23 फीसदी हो गई, जो कि पिछले साल के 5.51 फीसदी की तुलना में काफी ज्यादा है. इससे साफ है कि अब किसान सिर्फ सरकारी एजेंसियों पर ही निर्भर नहीं हैं.
सरकारी खरीद लक्ष्य के पास पहुंचा आंकड़ा
पंजाब सरकार का लक्ष्य 124 LMT गेहूं खरीदने का था और ज़रूरत पड़ने पर 132 LMT तक खरीद की तैयारी भी की गई थी. अब तक के आंकड़ों के मुताबिक 124.33 LMT गेहूं की खरीद हो चुकी है, जो तय लक्ष्य से थोड़ा ज्यादा है.
हालांकि, अगर पिछले साल से तुलना करें तो 130 LMT गेहूं की खरीद हुई थी, यानी इस साल थोड़ा कम खरीद हुई है. लेकिन कुल मिलाकर राज्य सरकार ने अपने लक्ष्य को लगभग हासिल कर लिया है.
निजी व्यापारियों की बढ़ी दिलचस्पी
इस बार किसानों ने देखा कि उन्हें कई जगहों पर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से ऊपर भाव मिल रहा था. साथ ही, इस बार उत्पादन भी बेहतर रहा, जिससे कई किसानों ने अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेचना पसंद किया.
पिछले वर्षों में उच्च करों और जटिल प्रक्रियाओं के कारण निजी व्यापारियों की भागीदारी कम थी. लेकिन इस साल स्थितियां बदलीं और उन्होंने सक्रिय रूप से खरीदी में हिस्सा लिया.
मंडियों में ढुलाई बनी चुनौती
जहां एक ओर खरीद अच्छे स्तर पर रही, वहीं दूसरी ओर मंडियों से गेहूं की ढुलाई में देरी एक बड़ी परेशानी बनकर उभरी है. अभी तक लगभग 102 LMT गेहूं की ढुलाई की जा चुकी है, लेकिन लगभग 44 LMT गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है.
पंजाब मंडी बोर्ड के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से मांग की है कि विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की जाए ताकि गेहूं को तेजी से गोदामों तक पहुंचाया जा सके और बारिश या खराब मौसम से होने वाले नुकसान से बचा जा सके.