फसल उपज बढ़ाने के लिए बिहार सरकार का नया प्लान, गंगा के किनारे वाले जिलों में होंगे ये काम

नमामि गंगे अभियान के अंतर्गत परंपरागत कृषि को पुनर्जीवित करने के लिए 12 जिलों में खास योजना लागू की जा रही है.

नई दिल्ली | Updated On: 29 Jul, 2025 | 09:47 PM

बिहार सरकार ने गंगा नदी के किनारे स्थित जिलों में फसल उपज बढ़ाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. नमामि गंगे अभियान के अंतर्गत परंपरागत कृषि को पुनर्जीवित करने के लिए 12 जिलों में खास योजना लागू की जा रही है. उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इसके लिए 2356.20 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे किसानों को जैविक खेती, प्रशिक्षण और प्रमाणीकरण जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. यह योजना न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगी बल्कि गंगा नदी की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी.

किन जिलों में लागू होगी योजना?

राज्य सरकार ने इस योजना को गंगा किनारे बसे 12 जिलों में लागू करने का फैसला लिया है. ये जिले हैं- पटना, बेगूसराय, समस्तीपुर, बक्सर, सारण, कटिहार, भोजपुर, भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, वैशाली और लखीसराय. इन जिलों की पंचायतों में पहले से कार्यरत किसान समूहों के जरिए योजना का तीसरा चरण लागू किया जाएगा. पहले और दूसरे चरण में शामिल किसानों को इस बार फिर मौका दिया जाएगा ताकि उनके अनुभव का लाभ उठाया जा सके.

कितना मिलेगा वित्तीय सहयोग?

इस योजना के तहत प्रत्येक हेक्टेयर के लिए 16,500 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. यह रकम जैविक खाद, बीज, और अन्य जैविक उत्पादों पर खर्च की जाएगी. किसान को यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी. इसके अलावा, सेवा प्रदाता को 2,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि दी जाएगी, जो जिला कृषि पदाधिकारी और पटना स्थित संयुक्त निदेशक की अनुशंसा पर निर्भर करेगी.

किसानों को क्या-क्या लाभ मिलेगा?

योजना के तहत किसानों को निम्नलिखित सुविधाएं मिलेंगी-

पर्यावरण और गंगा स्वच्छता को मिलेगा बल

यह योजना सिर्फ कृषि सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद गंगा नदी की सफाई और पारिस्थितिकी संतुलन को भी बनाए रखना है. जैविक खेती के जरिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग घटेगा, जिससे मिट्टी और जल की गुणवत्ता सुधरेगी. इससे गंगा नदी का प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी.

बिहार सरकार की दीर्घकालिक सोच

उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकार की मंशा केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि परंपरागत कृषि विधियों को पुनर्जीवित करना है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी. कृषि विभाग जल्द ही भारत सरकार की मार्गदर्शिका के अनुसार विस्तृत कार्यान्वयन निर्देश भी जारी करेगा, जिससे योजना का प्रभावी और पारदर्शी संचालन सुनिश्चित हो सकेगा.

Published: 29 Jul, 2025 | 08:25 PM

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