किसानों को क्विक पेमेंट के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे तेज होगा, कृषि विभाग ने निजी सर्वेयरों से आवेदन मांगे
हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग अब खेती का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल करने जा रहा है. एग्री-स्टैक योजना के तहत मोबाइल ऐप से खेत-खसरा स्तर पर फसल सर्वे होगा. इसके लिए निजी सर्वेयरों से आवेदन मांगे गए हैं. युवाओं को रोजगार का मौका मिलेगा और किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से पहुंचाया जाएगा.
Digital crop survey : हिमाचल प्रदेश में अब खेती-किसानी का रिकॉर्ड कागजों पर नहीं, बल्कि मोबाइल की स्क्रीन पर नजर आएगा. राज्य का कृषि विभाग अब एक ऐसा कदम उठाने जा रहा है जो न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि खेती को आधुनिक और पारदर्शी भी बनाएगा. विभाग ने राज्य के सभी गांवों में डिजिटल फसल सर्वे करने का निर्णय लिया है और इसके लिए निजी सर्वेयरों से आवेदन मांगे हैं.
क्या है डिजिटल फसल सर्वे- खेती की नई पहचान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कृषि विभाग इस सर्वे को एग्री-स्टैक योजना के तहत करने जा रहा है. यह एक मोबाइल आधारित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होगा, जिसमें हर खेत, खसरा और प्लॉट स्तर पर यह रिकॉर्ड किया जाएगा कि किस जमीन पर कौन-सी फसल बोई गई है. इस सर्वे के जरिए खेती से जुड़ी हर जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी- यानी किसने क्या बोया, कितनी जमीन में बोया और कितनी उपज हुई. यह न सिर्फ किसानों की सहायता करेगा, बल्कि सरकारी योजनाओं के लाभ पहुंचाने में भी पारदर्शिता लाएगा.
कौन कर सकता है आवेदन-युवाओं के लिए बड़ा मौका
कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक कुलभूषण धीमान ने बताया कि इस काम के लिए निजी सर्वेयरों से आवेदन मांगे गए हैं. इसमें आवेदन करने के लिए कुछ बुनियादी शर्तें रखी गई हैं-
- न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए.
- आवेदक के पास आधार कार्ड और बैंक अकाउंट होना जरूरी है.
- आवेदक के पास एंड्रॉयड स्मार्टफोन होना चाहिए ताकि मोबाइल ऐप से डेटा एकत्र और अपलोड किया जा सके.
इस सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं- कृषि विस्तार अधिकारी, कृषि सखी, पशु सखी, बेरोजगार कृषि स्नातक, स्वयं सहायता समूह (SHG) सदस्य, पैक्स प्रतिनिधि, पटवारी या ग्राम प्रतिनिधि.
सर्वे कैसे होगा- मोबाइल ऐप से खेतों तक
इस सर्वे के लिए कृषि विभाग ने डीसीएस हिमाचल प्रदेश मोबाइल एप लॉन्च किया है, जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. सर्वेयर को इस ऐप की मदद से किसानों के खेतों की जानकारी भरनी होगी- जैसे फसल का प्रकार, क्षेत्रफल और स्थान का डिजिटल डेटा. इन सभी जानकारियों को ऑनलाइन अपलोड कर विभाग के रिकॉर्ड में जोड़ा जाएगा. इससे सरकार के पास हर किसान और हर खेत की सटीक जानकारी होगी, जिससे फसल बीमा, मुआवजा और योजनाओं का लाभ तेजी से दिया जा सकेगा.
मिलेगा प्रोत्साहन राशि-कमाई के साथ अनुभव भी
इस काम में शामिल होने वालों को न सिर्फ अनुभव मिलेगा, बल्कि प्रति सर्वे के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. यानी जितने सर्वे पूरे होंगे, उतनी ही कमाई. कृषि विभाग का कहना है कि यह युवाओं के लिए स्वरोजगार का नया मौका है. इसके साथ ही, विभाग ऐसे लोगों को प्राथमिकता देगा जिन्हें स्थानीय कृषि और भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी हो.
कैसे करें आवेदन- बस एक क्लिक में
जो लोग इस डिजिटल मिशन का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे विभाग के पोर्टल https://hpsdc.agristack.gov.in/crop-survey-hp पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही, अधिक जानकारी और दिशा-निर्देश विभाग की वेबसाइट www.agriculture.hp.gov.in पर उपलब्ध हैं. अगर किसी को अतिरिक्त जानकारी चाहिए तो वे ईमेल directoragriculturehp@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं.