किचन गार्डन में लगी फूलगोभी को इन कीटों से बचांए, जानें नियंत्रण के उपाय 

फूलगोभी की अच्छी पैदावार के लिए कीटों पर समय रहते नियंत्रण बेहद जरूरी है. जैविक उपायों को प्राथमिकता दें और यदि कीटों का प्रकोप अधिक हो तो संतुलित मात्रा में रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें.

Kisan India
Noida | Published: 11 Mar, 2025 | 06:00 AM

अगर आपने अपने किचन गार्डन में फूलगोभी लगाई है तो फिर आपको यह ध्‍यान रखना होगा कि इसमें कीड़ें न लगने पाएं. फूलगोभी की फसल में कई प्रकार के कीटों का प्रकोप देखा जाता है. अगर समय पर इन्‍हें नियंत्रित न किया जाएं तो ये फसल की पैदावार और गुणवत्ता पर बुरा असर डाल सकते हैं. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. आइए आपको बताते हैं कि फूलगोभी को नुकसान पहुंचाने वाले प्रमुख कीट कौन हैं और उन्‍हें कैसे नियंत्रित किया जा सकता है. 

क्‍यों जरूरी है नियंत्रण 

फूलगोभी की अच्छी पैदावार के लिए कीटों पर समय रहते नियंत्रण बेहद जरूरी है. जैविक उपायों को प्राथमिकता दें और यदि कीटों का प्रकोप अधिक हो तो संतुलित मात्रा में रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें. सही रणनीति अपनाकर किसान बेहतर गुणवत्ता और अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. 

गिडार कीट 

यह दरअसल हरे रंग की मोटी सूंडी होती है, जो पत्तियों को खाकर नुकसान पहुंचाती है. यह फसल की वृद्धि को रोक देती है और फूल बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है. इससे छुटकारा पाने के लिए ट्राइकोग्रामा चिलोनिस परजीवी ततैया को खेत में छोड़ें.साथ ही लैम्डा-सायहैलोथ्रिन को 5 फीसदी EC या 0.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें. 

 हीरक कीट

यह कीट पत्तियों को छेदकर उन्हें नष्ट कर देता है. यह पत्तों की ऊपरी सतह को खाकर केवल नसों को छोड़ देता है. अगर इसका प्रकोप बहुत ज्‍यादा हो जाए तो पौधा पूरी तरह कमजोर हो जाता है. इसके नियंत्रित करने के जैविक उपायों में आप बैसिलस थुरिंजिएंसिस (Bt) 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं. रासायनिक नियंत्रण के तहत इमामेक्टिन बेंजोएट 5 फीसदी SG @ 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें. 

हरी सुंडी

यह पत्तों और फूलों को खाकर फसल को बुरी तरह प्रभावित करती है. अगर सुंडी का प्रकोप बहुत ज्‍यादा हो तो पौधा मुरझाने लगता है. इसे नियंत्रित करने के जैविक उपायों में नीम बेस्‍ड कीटनाशक (5 फीसदी नीम का तेल) का छिड़काव करें. रासायनिक नियंत्रण के तहत स्पिनोसैड 45 फीसदी को SC @ 0.3 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें. 


रस चूसक कीट (Aphids, Thrips, Whiteflies)

यह कीड़ा पत्तों का रस चूसकर पौधे को कमजोर कर देता है. अधिक प्रकोप से पत्ते पीले पड़ जाते हैं और पौधे का विकास रुक जाता है. इसे नियंत्रित करने के लिए जैविक उपायों में 2 फीसदी नीम का तेल या साबुन पानी के छिड़काव को बेहतर माना गया है. रासायनिक नियंत्रण के तहत थायोमेथोक्साम 25फीसदी WG @ 0.3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें. 

रोकथाम के सामान्य  उपाय

फसल चक्र अपनाएं और एक ही जगह बार-बार गोभी न उगाएं.
खेत में खरपतवार की सफाई करें ताकि कीटों का प्रजनन न हो.
कीट प्रभावित पौधों को तुरंत हटा दें और उन्हें खेत से दूर नष्‍ट करें.
जैविक और रासायनिक कीटनाशकों का समय पर छिड़काव करें. 

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Published: 11 Mar, 2025 | 06:00 AM

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