पशुओं को गर्मी में हीट स्ट्रेस-डिहाइड्रेशन से बचाना जरूरी, ये टिप्स अपनाएं किसान

गर्मी में हीट स्ट्रेस और डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पशुपालकों को पशुओं की खास देखभाल करनी चाहिए. उन्हें पर्याप्त पानी, छांव और उचित आहार देने से गर्मियों में होने वाली बीमारियों से बचाव किया जा सकता है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 20 Apr, 2025 | 07:20 AM

गर्मी अपने चरम पर है. पारा लगातार ऊपर चढ़ रहा है और खेतों की बात छोड़िए, अब ये गर्मी पशुओं के लिए भी जानलेवा बनती जा रही है. खासकर अप्रैल,मई और जून के महीने में जब तापमान 45 डिग्री से ऊपर चला जाता है, तब पशुओं में हीट स्ट्रेस और डिहाइड्रेशन की स्थिति बन जाती है. ऐसे में अगर सही समय पर सावधानी न बरती गई तो दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन गिरने लगता है और कई बार बीमारियां भी जान ले सकती हैं.

देखा जाए तो पशुपालकों के लिए यह मौसम दोहरा संकट लेकर आता है. एक ओर तो दूध का उत्पादन घटता है, जिससे आमदनी घटती है, वहीं दूसरी ओर बीमार पशुओं का इलाज और देखभाल का खर्च भी बढ़ जाता है. खासकर गाय-भैंस जैसे दुधारू जानवर और भेड़-बकरी जैसे छोटे पशु लू की चपेट में जल्दी आते हैं. गर्म हवा, खुले में बांधना और साफ पानी की कमी इन समस्याओं को और बढ़ा देती है. ऐसे में कुछ आसान उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर पशुपालक अपने मवेशियों को हीट स्ट्रेस और डिहाइड्रेशन से बचा सकते हैं.

क्या करें ताकि गर्मियों में पशु रहें सुरक्षित?

एक्सपर्ट कहते हैं कि इस मौसम में पशुओं को पर्याप्त पानी पिलाना, छांव में रखना और उनके खानपान पर खास ध्यान देना सबसे जरूरी है. अगर हरा चारा ठीक मात्रा में दिया जाए तो उससे पानी की कमी काफी हद तक पूरी की जा सकती है. अगर पशुओं को हीट स्ट्रेस से बचाना है तो ये आसान उपाय अपनाएं-

  • दिन में कई बार साफ और ठंडा पानी पिलाएं.
  • पशुओं के शरीर पर दिन में 2-3 बार पानी का छिड़काव करें.
  • पशुओं को सूखी नहीं, भिगोई हुई तूड़ी खिलाएं.
  • चारे में 70 फीसदी हरा और 30 फीसदी सूखा रखें.
  • सुबह-शाम पशुओं को नहलाना फायदेमंद है
  • उन्हें छायादार जगह में रखें.
  • जहां पशु बंधे हों वहां भी पानी छिड़कें.

डिहाइड्रेशन के संकेत

गर्मी में पशुओं के शरीर में पानी की कमी कई संकेतों से पहचान में आ सकती है. जैसे कि भूख कम लगना, सुस्ती और कमजोरी, पेशाब का गाढ़ा होना, आंखों और चमड़ी का सूख जाना और वजन घटने लगना. इसके अतिरिक्त दूध देने वाले पशुओं का उत्पादन भी घटने लगता है. इसका का एक आसान तरीका है अगर पशु की चमड़ी को उंगलियों से खींचने पर वह धीरे से अपनी जगह लौटे तो ये डिहाइड्रेशन का संकेत है. ऐसे में तुरंत ध्यान देना बेहद जरूरी है.

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Published: 20 Apr, 2025 | 07:20 AM

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