दूध उत्पादन में अब राजस्थान नंबर वन की दौड़ में! सरकार ने शुरू की खास योजना

राजस्थान सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं. अभी राज्य दूध उत्पादन में देशभर में दूसरे स्थान पर है, लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान नंबर एक बने.

नोएडा | Published: 6 Jul, 2025 | 03:05 PM

राजस्थान अब दूध उत्पादन में देश का नंबर वन बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. राज्य सरकार ने इसके लिए कई खास योजनाएं शुरू की हैं. गिर नस्ल की गायों में ब्राजील से लाया गया उच्च क्वालिटी वाला सीमन उपयोग में लिया जा रहा है, जिससे दूध उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है. इसके अलावा, प्रदेश में गाय की संख्या को बढ़ाने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. इतना ही नहीं, सरकार महिलाओं को डेयरी संचालन की ट्रेनिंग भी दे रही है, ताकि गांवों में महिला सशक्तिकरण के साथ दूध उत्पादन और आमदनी दोनों बढ़ सकें.

इस तकनीक से बढ़ेगा दूध उत्पादन

राजस्थान सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है. अभी राज्य देशभर में दूध उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर है, लेकिन अब सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान जल्द ही नंबर एक बने. इसके लिए पशुपालन, गोपालन और डेयरी क्षेत्र में कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं.

राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक, गिर नस्ल की गायों में सुधार के लिए ब्राजील से उच्च क्वालिटी वाला सीमन मंगवाया गया है. इससे कृत्रिम गर्भाधान  कराया जा रहा है, जिससे इन गायों का दूध उत्पादन दोगुने से भी अधिक हो सकता है.

बछियों की संख्या में होगी बढ़ोतरी

इसके अलावा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और गायों की संख्या में इजाफा करने के लिए सरकार ने लिंग चयनित वीर्य योजना (Sex Sorted Semen Scheme) शुरू की है. इस तकनीक से बछियों के जन्म की संभावना ज्यादा रहती है, जिससे भविष्य में दूध देने वाली गायों की संख्या बढ़ेगी और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.

महिलाओं को मिल रही डेयरी संचालन की ट्रेनिंग

सरकार का फोकस सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाने पर नहीं है, बल्कि वह यह भी चाहती है कि महिलाओं की भागीदारी डेयरी कामों में बढ़े. इसी के तहत गुजरात की बनास डेयरी में तीन दिन का एक प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है. इसमें राजस्थान के जयपुर, सीकर, भरतपुर और टोंक जिलों की 48 महिला दुग्ध समिति सचिवों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग में उन्हें सिखाया जा रहा है कि डेयरी समिति को बेहतर तरीके से कैसे चलाया जाए, ताकि कमाई बढ़े और महिलाएं ज्यादा सक्षम बनें.

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के अनुसार, भविष्य में यह प्रशिक्षण सभी महिला दुग्ध समिति सदस्यों को देने की योजना है. उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. इसलिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सभी दुग्ध संघों और समितियों को आगे आना चाहिए.

अच्छा काम करने वालों को मिलेगा इनाम

सरकार का मानना है कि गांव-गांव में डेयरी समितियों को किसानों से सीधा संवाद बढ़ाना चाहिए और अपने काम की क्वालिटी में सुधार करना चाहिए. इससे न केवल दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के अनुसार, जो समितियां अच्छा काम करेंगी, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा.

कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर, गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकरलाल चौधरी और आरसीडीएफ की एमडी श्रुति भारद्धाज समेत कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए.

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