खेती के साथ करें सूकर पालन, जानिए कैसे कुछ ही महीनों में दोगुनी होगी आमदनी!

सूकर पालन किसानों के लिए एक बढ़िया व्यवसाय बनता जा रहा है. कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने का सुनहरा अवसर है. पालन शुरू करने के लिए सरकार 2 से 3 लाख रुपये की मदद भी करती है. जानिए कैसे इस काम से आप सालभर में लाखों कमा सकते हैं.

नोएडा | Updated On: 23 Nov, 2025 | 07:56 PM

अगर आप कम लागत में बड़ा मुनाफा चाहते हैं, तो सूकर पालन यानी पिग फार्मिंग आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है. आज गांव-देहातों में यह बिजनेस किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है. मांस, दवा और अन्य प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ने से सूकर पालन का बाजार तेजी से फैल रहा है. चलिए जानते हैं कैसे यह व्यवसाय किसानों के लिए सोने की खान साबित हो रहा है.

कम लागत में शुरू हो सकता है बड़ा बिजनेस

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पशुपालन के क्षेत्र में अब गाय-भैंस या बकरी पालन  तक ही सीमित रहने की जरूरत नहीं है. सूकर पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम पूंजी लगाकर भी लाखों की कमाई की जा सकती है. इसकी खास बात यह है कि सूकर पालन के लिए ज्यादा पढ़ाई-लिखाई या तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं होती. बस सही योजना, थोड़ी मेहनत और पशुओं की देखभाल पर ध्यान देना जरूरी है. भारत के कई राज्यों में किसानों ने इसे अपनाकर सफलता हासिल की है. एक बार सेटअप बन जाने के बाद हर साल इसमें लगातार मुनाफा मिलता है.

पालन के लिए सही आवास और मौसम जरूरी

सूकर पालन के लिए बाड़ा या शेड का निर्माण सबसे जरूरी होता है. इसमें हवा, रोशनी और साफ पानी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. नर, मादा और बच्चों के लिए अलग-अलग जगहें बनानी चाहिए ताकि संक्रमण या झगड़े जैसी दिक्कतें न हों. सूकर को पानी बहुत पसंद होता है, इसलिए उनके लिए तालाबनुमा बाड़े सबसे बेहतर माने जाते हैं. इनका विकास 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छा होता है. गर्मी के मौसम में इन्हें ठंडा रखने और ठंड में गर्म रखने के इंतजाम जरूरी हैं.

सस्ता और पौष्टिक चारा, मुनाफे की बड़ी कुंजी

सूकर का चारा तैयार करने में ज्यादा खर्च नहीं आता. ये बासी अनाज, हरी सब्जियां, बचा हुआ खाना या चोकर तक आसानी से खा लेते हैं. हालांकि, गर्भवती या दूध  देने वाली मादा सूकरों और छोटे बच्चों के लिए प्रोटीन युक्त चारा देना जरूरी होता है. इसके लिए मकई, मूंगफली की खली, गेहूं का चोकर, मछली चूरा, विटामिन और मिनरल मिक्स दिया जा सकता है. इस तरह के संतुलित आहार से सूकरों की वृद्धि तेज होती है, उनका वजन तेजी से बढ़ता है और मांस की गुणवत्ता बेहतर होती है.

बेहतरीन नस्लें जो दिलाएं ज्यादा मुनाफा

भारत में सूकर की कई नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन सफेद यॉर्कशायर, लैंडरेस, ड्युरोक, हैम्पशायर और घुंघरू नस्लें सबसे लोकप्रिय हैं.

सरकारी योजनाएं और सब्सिडी से होगा फायदा

किसानों को सूकर पालन के लिए सरकार की ओर से ऋण और सब्सिडी योजनाओं का लाभ मिल सकता है. इसके लिए पशुधन विभाग  या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क किया जा सकता है. अगर कोई किसान छोटे स्तर पर पालन शुरू करता है तो करीब 50 हजार रुपये की लागत आती है. जबकि बड़े स्तर पर इसे शुरू करने में लगभग 2 से 3 लाख रुपये लगते हैं. एक साल में ही यह लागत निकल जाती है और किसान को 3 से 4 लाख रुपये तक का मुनाफा हो सकता है. सूकरों की चर्बी और मांस औषधियों, कॉस्मेटिक और क्रीम बनाने में उपयोग होती है, जिससे इसकी बाजार मांग हमेशा बनी रहती है.

Published: 23 Nov, 2025 | 10:22 PM

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