डेयरी किसानों के लिए खुशखबरी, दूध की क्वालिटी सुधारने के 3 आसान और कारगर उपाय

Dairy Farming : दूध की क्वालिटी अच्छी होगी तभी डेयरी किसान को सही दाम मिल पाएगा. आज बाजार में फैट और SNF के आधार पर भुगतान होता है. अच्छी बात यह है कि दूध की क्वालिटी बढ़ाने के लिए ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता. सही सफाई, देखभाल और संतुलित आहार से बड़ा फायदा मिल सकता है.

नोएडा | Published: 13 Dec, 2025 | 12:05 PM

Dairy Farming : गाय और भैंस का दूध सिर्फ मात्रा में ज्यादा होना ही काफी नहीं होता, उसकी क्वालिटी भी उतनी ही जरूरी होती है. आज के समय में डेयरी कंपनियां और ग्राहक दूध खरीदते समय फैट और SNF जरूर जांचते हैं. अगर क्वालिटी अच्छी है, तो दाम भी अच्छे मिलते हैं. अच्छी बात यह है कि दूध की क्वालिटी सुधारने के लिए कोई भारी खर्च नहीं करना पड़ता. बस रोजमर्रा की देखभाल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप बड़ा फायदा पा सकते हैं. आइए जानते हैं 3 असरदार उपाय.

दूध की क्वालिटी को लेकर डेयरी किसान क्यों रहते हैं परेशान?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज के समय में दूध की कीमत उसकी क्वालिटी पर तय होती है. दूध में फैट और SNF जितना अच्छा होगा, उतना ही ज्यादा भुगतान मिलेगा. यही वजह है कि डेयरी किसान  दूध की क्वालिटी को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं. कई बार दूध अच्छी मात्रा में निकलता है, लेकिन क्वालिटी कमजोर होने की वजह से सही दाम नहीं मिल पाता. दरअसल, दूध की क्वालिटी का फैसला फार्म पर ही हो जाता है. दूध दुहते समय अगर बर्तन गंदा है, पशु साफ नहीं है या दूध में पानी और गंदगी मिल गई, तो क्वालिटी तुरंत गिर जाती है. इसलिए शुरुआत फार्म से ही करनी जरूरी है.

साफ-सफाई से ही शुरू होती है अच्छी क्वालिटी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दूध की क्वालिटी का सबसे बड़ा आधार सफाई है. जितना साफ माहौल होगा, उतना ही दूध शुद्ध रहेगा. रोजाना गाय-भैंस को नहलाना बहुत जरूरी है, खासकर गर्मियों में. इससे पशु साफ रहते हैं और बीमारियों से बचे रहते हैं. जब पशु स्वस्थ होगा, तो दूध की क्वालिटी अपने आप बेहतर होगी. दुहाई से पहले थनों को साफ पानी से धोना और साफ कपड़े से पोंछना भी बेहद जरूरी है. दूध निकालने वाले बर्तन हमेशा साफ और सूखे होने चाहिए.

खुर और बैठने की जगह की देखभाल भी है जरूरी

अक्सर किसान खुरों की देखभाल को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह बहुत जरूरी है. समय-समय पर खुर कटवाने से गंदगी नहीं जमती और खुरपका जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है. इसके साथ ही पशु जहां बैठता और खड़ा होता है, वह जगह हमेशा साफ होनी चाहिए. सर्दियों में अगर रबर मैट बिछी है, तो उसे रोज साफ करें. गर्मियों में फर्श को धोते रहें. साफ जगह पर रहने से पशु बीमार नहीं पड़ता और दूध की क्वालिटी बनी रहती है.

दूध में फैट बढ़ाने के लिए सही आहार दें

दूध में फैट और SNF बढ़ाने के लिए संतुलित आहार  बहुत जरूरी है. पशु को सूखा चारा और हरा चारा दोनों सही मात्रा में दें. बरसीम, जई जैसे हरे चारे और भूसा फाइबर के लिए फायदेमंद होते हैं. बिनौला और बिनौला खली फैट बढ़ाने में मदद करते हैं. सरसों, तिल या सोयाबीन जैसे तेल वाले बीज भी अच्छे विकल्प हैं. इसके साथ ही रोजाना मिनरल मिक्सचर जरूर दें, जिससे कैल्शियम और फास्फोरस की कमी न हो. कुछ मामलों में मीठा सोडा देने से पाचन सुधरता है और दूध की क्वालिटी  बेहतर होती है.

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