बरसात की शुरुआत हो गई है. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में मवेशियों के लिए चारा का प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है. क्योंकि बारिश के चलते हरी घास और सूखे चारे भी भींग गए हैं. अगर किसान गिला चारा मवेशियों को खिलाते हैं, तो उनकी तबीयत खराब भी हो सकती है. खास कर बकरी पालकों को बरसात के दौरान कुछ ज्यादा ही सावधानियां बरतनी होगी, नहीं तो बकरियों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.
दरअसल, बकरियां सूखा चारा से ज्यादा हरी घास या पेड़ के पत्ते खाना अधिक पसंद करती हैं. लेकिन बारिश के मौसम में घास और पेड़ के पत्ते गिले रहते हैं. इसलिए बकरियों को गिला चारा खिलाने से बचना चाहिए. पशु एक्सपर्ट की माने तो बरसात के दौरान चारे में नमी बढ़ जाती है. इससे हरे चारे में बीमारी पैदा करने वाले कीटाणु के जन्म लेने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बरसात के मौसम के दौरान बकरियों को हमेशा सूखा चारा और पेड़ की पत्तियां खिलाना बेहतर रहेगा.
इस तरह बकरियों को खिलाएं चारा
एक्सपर्ट का कहना है कि बकरियों का चारा खाने का तरीका गाय-भैंस से बिल्कुल अलग है. आम तौर पर बकरियां मुंह ऊपर करके हरा चारा खाना पसंद करती हैं. इसलिए हरा चारा हमेशा रस्सी से बांधकर कर उंचाई पर टांग देना चाहिए, ताकि बकरियां मुंह ऊपर की ओर कर खा सकें. इससे बकरियों को ज्यादा फायदा होता है. उनका वजन तेजी से बढ़ता है.
बकरियों का दूध ज्यादा पौष्टिक होता है
हरे चारे में विटामिन ए, प्रोटीन और मिनरल्स प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. अन्य मवेशियों के मुकाबले बकरियों को विटामिन ए, प्रोटीन और मिनरल्स की ज्यादा जरूरत होती है. इसलिए बकरियों को बरसात में हरी खास और पेड़ के पत्ते हरे चारे के रूप में देना चाहिए. इससे बकरियों का विकास तेजी से होता है. ऐसे सहजन की पत्तियां बकरियों के लिए काफी फायदेमंद होती हैं. इसमें भरपूर पोषण पाया जाता है. इसे खिलाने से बकरियों का दूध ज्यादा पौष्टिक होता है और बकरे के मांस की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.