पशुओं में किलनी, जू और चिचड़ से छुटकारा पाने के आसान देसी उपाय

गाय, भैंस, बकरी जैसे पशुओं को किलनी, जू और चिचड़ जैसे परजीवियों से राहत दिलाने में बेहद असरदार है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 14 May, 2025 | 05:09 PM

किलनी, जू और चिचड़ जैसे बाहरी परजीवी पशुओं के शरीर पर अक्सर चिपककर उन्हें परेशान करते हैं. इनकी वजह से न सिर्फ पशु असहज महसूस करते हैं, बल्कि इनकी उपस्थिति से पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है. इससे बचने और उपचार के लिए कई देसी उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने पशुओं को इन समस्याओं से निजात दिला सकते हैं. यह तरीका न केवल प्रभावी है, बल्कि सुरक्षित भी है, जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता

घरेलू उपचार से राहत पाएं

इनकी समस्या से राहत पाने के लिए सबसे प्रभावी उपायों में से एक है नीम और निर्गुण्डी का घोल. नीम और निर्गुण्डी दोनों ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं, जो प्राकृतिक रूप से कीड़ों और परजीवियों को दूर करने में मदद करती हैं. इनका उपयोग करके आप अपने पशुओं को इन बाहरी परजीवियों से आराम दिला सकते हैं.

घोल बनाने की विधि

  • नीम की पत्तियां उबालें- इस उपाय की शुरुआत होती है ढाई किलो नीम की पत्तियों से. इन पत्तियों को चार लीटर पानी में उबालें. उबालने के बाद 12 घंटे तक इसे ढक कर छोड़ दें. इसके बाद पत्तियां निकालकर फेंक दें और पानी को एक डिब्बे में रख लें. यह पानी कीटाणुओं से बचाने के लिए काफी प्रभावी होगा.
  • निर्गुण्डी की पत्तियां उबालें- अब 2 किलो निर्गुण्डी की पत्तियां लें और उन्हें एक लीटर पानी में उबालें. 12 घंटे बाद इन पत्तियों को निकालकर पानी को छानकर अलग रख लें. यह निर्गुण्डी का पानी भी कीटाणुओं को खत्म करने और परजीवियों से लड़ने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है.
  • दोनों घोलों को मिलाकर बनाएं मिश्रण- नीम और निर्गुण्डी के तैयार घोल को एकसाथ मिलाकर किसी डिब्बे में रख लें. यह एक प्रभावी मिश्रण बन जाएगा, जो पशुओं के लिए बेहद लाभकारी रहेगा.
  • पानी और घोल का अंतिम मिश्रण तैयार करें- अब इस मिश्रण में 9 लीटर पानी और 1 लीटर तैयार घोल मिलाएं. इसके बाद इस घोल को पशुओं के प्रभावित हिस्सों पर छिड़काव करें, जिससे उन्हें चिचड़, किलनी और जू से राहत मिलेगी.

कितनी बार करें छिड़काव

पशुओं के शरीर पर यह मिश्रण छिड़कने से किलनी, जू और चिचड़ को खत्म करने में मदद मिलती है. इसे आपको 3-4 दिन तक सुबह और शाम छिड़कना होगा. ऐसा करने से पशुओं को इन परजीवियों से राहत मिलेगी और उनका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा.

Disclaimer- यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है. कृपया चिकित्सक या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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Published: 14 May, 2025 | 05:09 PM

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