कमाई का नया तरीका, बकरी पालन में AI तकनीक अपनाएं और पाएं दोगुना फायदा

कृत्रिम गर्भाधान (AI) तकनीक से बकरियों का एक साथ गर्भाधान संभव है. इससे बच्चों की मृत्यु दर घटेगी, उत्पादकता बढ़ेगी और पशुपालकों को अधिक मुनाफा मिलेगा. यह तकनीक बकरी पालन को नई दिशा देने में सहायक है.

नोएडा | Updated On: 15 Aug, 2025 | 02:00 PM

अब पशुपालन सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि आधुनिक विज्ञान का हिस्सा बन चुका है. तेजी से बदलती दुनिया में जहां खेती-किसानी तकनीकी हो चुकी है, वहीं बकरी पालन में भी अब वैज्ञानिक तकनीकें जुड़ने लगी हैं. इन्हीं में से एक है AI यानी Artificial Insemination (कृत्रिम गर्भाधान), जो बकरियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं.

यह तकनीक उन पशुपालकों के लिए खास फायदेमंद है, जो कम संसाधनों में अधिक उत्पादन और मुनाफा चाहते हैं. AI से बकरियों का एक साथ गर्भाधान संभव होता है, जिससे एकसमान बच्चों का जन्म होता है, उनकी मृत्यु दर घटती है और स्वास्थ्य बेहतर रहता है. इससे पशुपालकों को न सिर्फ देखभाल में आसानी होती है, बल्कि कम समय में दुगना मुनाफा भी मिल सकता है. अब समय आ गया है कि बकरी पालन को तकनीक से जोड़कर कमाई को नई ऊंचाई दी जाए.

क्या है AI तकनीक और कैसे करती है काम?

AI यानी कृत्रिम गर्भाधान एक ऐसी वैज्ञानिक तकनीक है जिसमें नर बकरे का स्पर्म इक्टठा कर, बकरी के गर्भाशय में विशेष विधि से डाला जाता है. इस प्रक्रिया में बकरी के प्रजनन चक्र का ध्यान रखकर एक तय समय पर गर्भाधान कराया जाता है. इससे कई बकरियों को एक साथ गर्भवती किया जा सकता है.

इस तकनीक की सबसे खास बात यह है कि-

कैसे बढ़ेगा बकरियों का उत्पादन और फायदा?

बकरी पालन करने वालों को सबसे बड़ी दिक्कत बकरियों के विकास दर (Growth Rate) और उत्पादन में होती है. आमतौर पर एक बकरी 14 से 16 महीने में 35-40 किलो की होती है, लेकिन खराब आहार और वातावरण की वजह से यह समय और बढ़ जाता है.

AI तकनीक से-

एक साथ गर्भाधान से देखभाल आसान, मृत्युदर में कमी

AI तकनीक की एक और बड़ी खासियत है कि इससे कई बकरियों का एक साथ गर्भाधान हो सकता है.

इससे पशुपालकों को देखभाल में आसानी होती है-

कहां हो रही है तकनीक का उपयोग और भविष्य की संभावना

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह तकनीक मथुरा स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (DUVASU) में विकसित की गई है. वहां वैज्ञानिकों ने वर्षों के शोध के बाद बकरियों में सफलतापूर्वक AI तकनीक लागू की है.

भविष्य में-

Published: 15 Aug, 2025 | 05:50 PM

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