भारत का बड़ा लक्ष्य: 5 साल में कृषि निर्यात दोगुना, चावल के लिए खुलेंगे नए अंतरराष्ट्रीय बाजार

मंत्री ने कहा कि भारत न सिर्फ सबसे बड़ा चावल उत्पादक और निर्यातक है, बल्कि हर घर में भोजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना भी हमारी प्राथमिकता है. सरकार की योजना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सुधार, निर्यात अवसंरचना को मजबूत करना और किसानों के लिए नए अवसर पैदा करना शामिल है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 15 Oct, 2025 | 02:39 PM

 Rice Export: देश के किसानों और उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है. भारत अगले पांच साल में अपनी कृषि और कृषि-आधारित उत्पादों का निर्यात दोगुना करने और चावल के लिए दुनिया के नए बाजार खोलने का लक्ष्य रख रहा है. यह जानकारी उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रभलाद जोशी ने हाल ही में दी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बेहतर और आधुनिक बनाने पर भी काम कर रही है, ताकि हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री पहुंचे.

वैश्विक बाजार में भारत की ताकत

मंत्री जोशी ने भारतीय चावल निर्यातक संघ (IREF) द्वारा आयोजित “भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (BRIC) 2025” की सराहना की. उन्होंने इसे भारत की कृषि और निर्यात यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उनका कहना है कि इस सम्मेलन के जरिए भारत न सिर्फ वैश्विक चावल बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं को भी इसके केंद्र में रखा जाएगा.

गुणवत्ता और पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण

जोशी ने जोर दिया कि सरकार हर स्तर पर गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए ट्रेसबिलिटी (उत्पाद के पूरे सफर का रिकॉर्ड) और लेबलिंग प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा. इन कदमों से न केवल निर्यात बढ़ेगा बल्कि टिकाऊ और मूल्य वर्धित चावल उत्पाद भी विकसित होंगे.

किसानों और उपभोक्ताओं के लिए सोच

मंत्री ने कहा कि भारत न सिर्फ सबसे बड़ा चावल उत्पादक और निर्यातक है, बल्कि हर घर में भोजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना भी हमारी प्राथमिकता है. सरकार की योजना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सुधार, निर्यात अवसंरचना को मजबूत करना और किसानों के लिए नए अवसर पैदा करना शामिल है.

किसान पहले, उपभोक्ता साथ”

जोशी ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण हमेशा “किसान-प्रथम और उपभोक्ता-केंद्रित” रहेगा. इसका मतलब है कि निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ किसानों की आमदनी और खुशहाली भी सुनिश्चित होगी. उन्होंने सभी से आह्वान किया कि बड़े सपने देखें और साहसिक योजनाएं बनाएं, ताकि भारत वैश्विक कृषि बाजार में अपनी पूरी क्षमता दिखा सके.

सरकार की योजना केवल निर्यात बढ़ाने तक सीमित नहीं है. यह किसानों की आमदनी बढ़ाने, उनके लिए नई संभावनाएं खोलने और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस पहल से भारतीय कृषि मजबूत होगी और हमारे किसान दुनिया के मानचित्र पर अपनी पहचान बनाएंगे.

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