पशुपालन के जरिए ग्रामीण भारत की बदल रही तस्वीर, किसानों की बढ़ रही आमदनी

भारत सरकार की पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन योजनाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार बढ़ाया है. इससे किसानों और महिलाओं की आमदनी में वृद्धि हुई है और पशुपालन क्षेत्र अधिक संगठित, लाभकारी व तकनीकी रूप से सक्षम बना है.

नोएडा | Updated On: 8 Aug, 2025 | 11:24 AM

भारत सरकार के तरफ से संचालित विभिन्न पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन योजनाओं ने ग्रामीण भारत में स्वरोजगार के नए अवसरों को जन्म दिया है. इन योजनाओं से न केवल किसानों और मछुआरों की आमदनी बढ़ी है, बल्कि महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का सशक्त माध्यम मिला है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन से लेकर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तक, सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और सतत विकास को सुनिश्चित करना है. इन पहलों ने पशुपालन क्षेत्र को संगठित, लाभकारी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

स्वरोजगार के मौके बढ़े

इन योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार-सृजन और स्वरोजगार को बल मिला है. उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएम-एमएसवाई) ने मत्स्य पालन को अधिक आर्थिक रूप से आकर्षक बनाने में भूमिका निभाई है. इससे ग्रामीण महिलाओं और किसानों को नए संसाधनों के जरिए स्वरोजगार का अवसर मिला है. साथ ही अन्य योजनाएं जैसे एएचआईडीएफ व एनपीडीडी, अवसंरचना विकास और खेती प्रणाली में निवेश से आजीविका और आय के स्थायी अवसर बढ़ा रहे हैं.

ग्रामीण महिलाओं को मजबूती मिल रही

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन योजनाओं के शामिल होने से ग्रामीण महिलाओं विशेषकर डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियों में खुद की पहचान बना रही हैं. उन्होंने वित्तीय सशक्तिकरण और स्वरोजगार के भरोसे नई पहचान बनाई है. इससे न केवल घरेलू आय बाधित हुई है, बल्कि महिलाओं ने नई आर्थिक जिम्मेदारियां निभाना शुरू कर दिया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उनका योगदान बढ़ा है.

तकनीकी ट्रेनिंद के साथ सपोर्ट मिल रहा

सरकारी योजनाओं द्वारा दी जा रही तकनीकी प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, अवसंरचना समर्थन और मार्केटिंग सहायता से जुड़ी संरचना आर्थिक स्थिरता, वृद्धि और सतत लाभ सुनिश्चित कर रही है. इससे जुड़े निर्देश कार्यान्वयन के समय किसानों व उत्पादकों को बाजार तक सीधे पहुंच मिल रही है. भविष्य में इन योजनाओं की विस्तारित पहुंच और बेहतर क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और आर्थिक समृद्धि को और गहरी दिशा देगा.

Published: 8 Aug, 2025 | 11:35 AM

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