मुर्गियों से कमाई का है ये अचूक फॉर्मूला, पोल्ट्री किसान फीड में इस्तेमाल करें ये चीजें

देसी मुर्गी पालन में अंडा उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने के लिए सही आहार और देखभाल बेहद महत्वपूर्ण हैं. ब्रूडिंग से लेकर अंडा उत्पादन तक, मुर्गियों को संतुलित आहार देने से उनकी सेहत और उत्पादकता में सुधार होता है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 7 May, 2025 | 09:45 AM

अगर आप देसी मुर्गी पालन कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं तो सिर्फ दाना-पानी से काम नहीं चलेगा. अंडा उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने के लिए मुर्गियों को समझदारी से खाना देना जरूरी है. खासकर तब जब आप इन्हें गांव के खुले माहौल में पाल रहे हों. सही समय पर सही फीडिंग करने से न सिर्फ अंडों की संख्या बढ़ती है, बल्कि मुर्गियों की सेहत और किसान की आमदनी दोनों सुधरती है.

पहले छह हफ्ते चिक स्टार्टर राशन दें

मुर्गी पालन की शुरुआत ब्रूडिंग से होती है. जब चूजे छोटे होते हैं, यानी पहले छह हफ्ते, तब उन्हें चिक स्टार्टर राशन देना जरूरी होता है. इससे उनकी बढ़त अच्छी होती है और बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है.

बढ़ते चरण में दे ये देसी चीजें

जब मुर्गियां छह हफ्ते की उम्र पार कर लेती हैं और खुले में घूमने लगती हैं तो सिर्फ जमीन से मिला चारा काफी नहीं होता. ऐसे में उन्हें अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है, जिससे अंडा उत्पादन और सेहत दोनों बेहतर बने रहें. इसके लिए आप फ्री रेंज चराई के साथ-साथ नीचे दिए गए सस्ते और पोषक विकल्प भी दे सकते हैं.

  • बेकार अनाज और अंकुरित दाने
  • शहतूत, अजोला, सहजन और सुबबुल की पत्तियां
  • मक्का, ज्वार, बाजरा, टूटे चावल और भूसी

ये सभी चीजें प्रोटीन से भरपूर होती हैं और अंडा उत्पादन बढ़ाने में सहायक हैं.

6 महीने बाद रखें नियंत्रण

ध्यान देने की बात यह है कि जब मुर्गियां छह महीने की हो जाएं, तब उन पर फीड की मात्रा को सीमित कर दें. क्योंकि जरूरत से ज्यादा दाना देने से वे मोटी हो जाती हैं और अंडा कम देने लगती हैं.

मौसम के अनुसार बदलें आहार

  • बरसात और फसल के समय- खेतों में मिलने वाले कीड़े-मकोड़े और फसलों के छिलके काफी होते हैं.
  • शुष्क मौसम में- रसोई का बचा खाना और सरसों की खली देना अंडा और वजन दोनों के लिए फायदेमंद है.

सुबह-शाम की फीडिंग टिप

मुर्गियों को रोज सुबह और शाम एक-एक मुट्ठी अनाज या सब्जियों के छिलके जरूर दें. इससे उनका पेट भरा रहता है, वे संतुष्ट रहती हैं और खेत में नुकसान नहीं करतीं. यह सस्ता और असरदार तरीका अंडा उत्पादन को भी बनाए रखता है. छोटे किसान इसे अपनाकर अच्छी बचत कर सकते हैं.

स्थानीय फीड फॉर्मूला अपनाएं

देसी मुर्गी पालन में अगर आप लागत कम करना चाहते हैं और अंडा उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं तो स्थानीय फीड फॉर्मूला अपनाना फायदेमंद रहेगा. इसमें 50 प्रतिशत सस्ता अनाज जैसे मक्का, ज्वार, बाजरा या टूटे चावल, 28 प्रतिशत चोकर, 20 प्रतिशत तेल वाली खली (सरसों, सोयाबीन, मूंगफली आदि) और 2 प्रतिशत खनिज-विटामिन मिक्स शामिल करें. यह संतुलित और सस्ता आहार है.

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Published: 7 May, 2025 | 09:00 AM

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