मुर्गी पालन में बेहतर सेहत और तेजी से वृद्धि के लिए फर्मेंटेड फीड यानी खमीरयुक्त आहार का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन इसे तैयार करते समय की गई थोड़ी-सी लापरवाही नुकसानदेह साबित हो सकती है. अगर फीड में सही बैक्टीरिया न पनपें या सड़न शुरू हो जाए तो मुर्गियों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए इस आहार को बनाते वक्त कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं, जिनका पालन करके ही इसे लाभकारी बनाया जा सकता है.
2-3 दिन में बन जाता है फर्मेंटेड फीड
फर्मेंटेड फीड तैयार करने के लिए सबसे पहले अनाज, चोकर या अन्य फीड सामग्री को कंटेनर में भरें. अब इसमें पानी डालें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कंटेनर पूरी तरह बंद न हो. इसे किसी साफ कपड़े या ढीले ढक्कन से ढकें ताकि गैस बाहर निकल सके, लेकिन ध्यान दें कि मच्छर या मक्खियां अंदर न जाएं. फीड को दिन में कम से कम 1-2 बार हिलाना जरूरी है, जिससे फर्मेंटेशन समान रूप से हो. आमतौर पर 2-3 दिन में फीड तैयार हो जाती है और इसमें खट्टी खमीर जैसी महक आने लगती है. अगर इसमें सड़न की बदबू या फफूंद दिखे तो इसे तुरंत फेंक दें
फीड को दो इंच तक पानी में डूबोयें
फर्मेंटेशन की प्रक्रिया में सबसे अहम भूमिका पानी की होती है. हमेशा यह सुनिश्चित करें कि पानी क्लोरीन मुक्त हो. क्योंकि क्लोरीन अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है. पानी की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि फीड 1-2 इंच तक डूबी रहे. अगर आपके पास पहले से बनी हुई फर्मेंटेड फीड या मट्ठा हो तो उसका 10 फीसदी हिस्सा मिलाने से फर्मेंटेशन तेजी से शुरू होता है. इससे समय की बचत होती है और क्वालिटी भी बेहतर रहती है.
बचा हुआ फीड तुरंत हटा दें
जब फर्मेंटेड फीड पूरी तरह तैयार हो जाए तो उसे छानकर केवल एक दिन की खुराक ही मुर्गियों को दें. बचे हुए फीड को तुरंत हटा दें ताकि वह खराब होकर बीमारी का कारण न बने. अगर फीड बच जाती है तो उसे 1-2 दिन तक फ्रिज में सुरक्षित रखा जा सकता है. याद रखें, यह फीड मुर्गियों के लिए मुख्य आहार नहीं बल्कि पूरक आहार है, इसलिए सीमित मात्रा में और सतर्कता के साथ इसका प्रयोग करें.