गर्मी में पशुओं से काम करवाने पर रोक लगी, राज्य सरकार ने बढ़ाई सख्ती

राजस्थान सरकार ने नागौर में भीषण गर्मी को देखते हुए दोपहर 12 से 3 बजे तक भार ढोने वाले पशुओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर संयुक्त टीमें निरीक्षण करेंगी और जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 6 May, 2025 | 07:37 PM

राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच राज्य सरकार ने नागौर जिले में पशुओं को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच भार ढोने वाले पशुओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान में और वृद्धि की भविष्यवाणी की है, जिसमें नागौर जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जो अपने बड़े पशुपालन क्षेत्र के लिए जाना जाता है. घोड़ों, बैलों, खच्चरों, भैंसों और गधों को भीषण गर्मी के कारण गंभीर शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है.

सरकारी आदेश जारी

समाचार एजेंसी यूएनआई के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान में जारी लू की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. 2 मई 2025 को पशुपालन विभाग के सचिव समित शर्मा द्वारा जारी निर्देश के तहत दोपहर 12 से 3 बजे तक बोझ उठाने वाले जानवरों से काम लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस आदेश का मकसद श्रमिक जानवरों को दिन के सबसे गर्म समय में अत्यधिक तापमान से होने वाले जोखिमों से बचाना है.

नागौर सबसे अधिक प्रभावित

राजस्थान के नागौर जिले में यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है. नागौर, जहां पशुपालन एक प्रमुख गतिविधि है, वहां घोड़े, बैल, खच्चर, भैंस और गधे जैसे जानवर गर्मी के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. स्थानीय प्रशासन के अनुसार, लगातार बढ़ते तापमान ने इन जानवरों की सेहत पर गंभीर असर डाला है.

कड़ी निगरानी और संयुक्त टीमें

यूएनआई रिपोर्ट के अनुसार समित शर्मा ने जानकारी दी कि राज्यभर में इस आदेश के प्रभावी पालन के लिए विशेष निगरानी अभियान शुरू किया गया है. जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन, पशुपालन विभाग, नगर निगम और अन्य विभागों की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं जो दोपहर के समय बाजारों, निर्माण स्थलों, गांवों और कस्बों में निरीक्षण करेंगी. नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

जन-जागरूकता है जरूरी

सचिव समित शर्मा ने यह भी कहा कि इस नियम की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने पशुपालकों से अपील की है कि इस भीषण गर्मी के दौरान जानवरों के प्रति संवेदनशीलता बरतें. उन्हें छाया में रखें, स्वच्छ पानी उपलब्ध कराएं और दोपहर के समय उनसे कोई श्रम न करवाएं.

जानवरों के लिए घातक हो सकती है गर्मी

राजस्थान के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. ऐसी स्थिति में जानवरों को लू लगने, निर्जलीकरण, थकावट और यहां तक कि मृत्यु का खतरा बना रहता है. पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. रमेश चौधरी ने कहा कि गर्मियों में जानवरों को पर्याप्त आराम, छांव और स्वच्छ पानी मिलना बेहद जरूरी है ताकि उन्हें गर्मी से होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके.

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