बिना खाद-पानी के हरी सब्जियों को उगाना मुश्किल है. लेकिन एक सब्जी ऐसी है जिसे बिना खाद -पानी के आसानी से उगाया जा सकता है. हरी सब्जियां वैसे तो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं लेकिन कुछ एक हरी सब्जियां ऐसी भी होती हैं जिनमें औषधीय गुण मौजूद होते हैं. ऐसी ही एक सब्जी है केर-सांगरी. केर-सांगरी पारंपरिक तौर पर राज्सथान से जुड़ी हुई है. पारंपरिक राजस्थानी खाना इसके बिना अधूरा रहता है. केर-सांगरी की खासियत है कि इसे आसानी से बिना खाद-पानी के भी उगया जा सकता है. तो चलिए बात कर लेतें हैं कैसे होती है इसकी खेती और किस तरह किसानों को होता है मुनाफा.
केर-सांगरी की खेती
बात करें केर-सांगरी की तो ये मारवाड़ की एक ऐसी सब्जी है जिसकी खेती करने की जरूरत नहीं होती. जी हां, केर की झाड़ियां रेतिली मिट्टी और जंगलों में खुद ही उग जाती है. साथ ही केर-सांगरी कम पानी और बीना खाद के भी जिंदा रहती है.लेकिन बाजार में बढ़ती मांग के साथ ही राजस्थान से बाहर के किसान अब केर-सांगरी की खेती इसके पौधों को ग्राफ्टिंग विधि से करने लगे हैं. बता दें कि इस विधि से तैयार किए गए पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत होती है.
सब्जी से लेकर अचार तक बनाने में इस्तेमाल
केर-सांगरी का पेड़ भारत में ज्यादातर राजस्थान में पाया जाता है. इसके पौधे पर छोटे-छोटे हरे फल आते हैं, जिनका इस्तेमाल सब्जी से लेकर अचार बनाने के लिए किया जाता है. क्योंकि सांगरी सूखी जगहों पर ही पाई जाती है, इसलिए इसे ‘डेजर्ट बीन’ के नाम से भी जाना जाता है. वहीं इसे सुखाकर आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
पोषक तत्वों से भरपूर है ये सब्जी
केर-सांगरी ऐक ऐसी सब्जी है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर है. कार-सेंगरी में विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और कार्बोहाइड्रेट होता है. यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है. इसके सेवन से बहुत से स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी होते हैं. अगर आप लंबे समय से सर्दी-खांसी से परेशान हैं तो इसकी डंठल का चूर्ण बनाकर खाने से आराम मिलता है. केर-सांगरी को खाने से खून की कमी और हड्डियों में दर्द जैसी समस्या में आराम मिलता है.
बाजार में 5 गुना दाम में बिकती है
कीमत के लिहाज से केर-सांगरी बहुत ही महंगी सब्जी है. इसकी कीमत की बात की जाए तो यह 100 से 200 रुपये किलो तक बिकती है. लेकिन बड़े शहरों में पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमत में उधाल आता है और ये 400 से 500 रुपये प्रति किलो बिकने लगती है. सब्जी के अलावा केर-सांगरी को लोग सुखाकर भी खाते हैं . आपको जान कर हैरानी होगी कि सूखने के बाद सांगरी की कीमत 5 गुना बढ़ जाती है और बाजार में इसकी कीमत 1200 से 1500 तक पहुंच जाती है.