वैज्ञानिक तरीके से करें चूजों की देखभाल, हर महीने होगी लाखों की कमाई

पोल्ट्री फार्मिंग का मकसद केवल अंडे और मांस का उत्पादन नहीं है, बल्कि इससे जुड़ा एक पूरा उद्योग तैयार हो चुका है जिसमें फीड निर्माण, हैचरी, पैकिंग और डिलीवरी जैसे काम भी शामिल हैं. ग्रामीण इलाकों में यह रोजगार का एक बड़ा स्रोत बन चुका है.

नई दिल्ली | Published: 5 Nov, 2025 | 11:09 AM

भारत में कृषि और पशुपालन के साथ-साथ पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) अब किसानों और युवाओं के लिए तेजी से उभरता हुआ लाभदायक व्यवसाय बन गया है. अगर इसे सही तकनीक और वैज्ञानिक तरीके से किया जाए, तो कम खर्च में भी इससे लाखों रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है. आज हम जानेंगे कि पोल्ट्री फार्मिंग में चूजों की देखभाल कैसे की जाए ताकि नुकसान कम और उत्पादन अधिक हो.

पोल्ट्री फार्मिंग क्यों है खास?

पोल्ट्री फार्मिंग का मकसद केवल अंडे और मांस का उत्पादन नहीं है, बल्कि इससे जुड़ा एक पूरा उद्योग तैयार हो चुका है जिसमें फीड निर्माण, हैचरी, पैकिंग और डिलीवरी जैसे काम भी शामिल हैं. ग्रामीण इलाकों में यह रोजगार का एक बड़ा स्रोत बन चुका है.

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चूजों की देखभाल, फीडिंग, तापमान नियंत्रण और स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए, तो एक छोटे फार्म से भी हर महीने 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की कमाई संभव है.

चूजों की देखभाल है सफलता की पहली सीढ़ी

जब चूजे फार्म में लाए जाते हैं, तो पहले 10 से 15 दिन उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिन होते हैं. इस समय तापमान, खाना, पानी और वातावरण का खास ध्यान रखना जरूरी होता है. अगर इस चरण में थोड़ी सी लापरवाही हो जाए, तो बीमारियां फैल सकती हैं और पूरे बैच को नुकसान हो सकता है.

फार्म की सफाई और तापमान नियंत्रण

फीडिंग यानी चूजों का सही खानपान

ध्यान रहे कि दाना हमेशा सूखी और ठंडी जगह पर रखें, वरना उसमें फफूंद लग सकती है, जो बीमारियों का कारण बनती है.

बायो-सिक्योरिटी और हाइजीन पर फोकस

अगर हाइजीन बनी रहे तो न केवल मुर्गियां स्वस्थ रहती हैं, बल्कि फीड की खपत भी कम होती है और उत्पादन बढ़ता है.

कितना खर्च और कितना मुनाफा?

अगर कोई किसान 500 चूजों से फार्म शुरू करता है, तो लगभग 60 से 70 हजार रुपये का शुरुआती निवेश लगेगा — जिसमें फीड, बिजली, दवाइयां और अन्य खर्च शामिल हैं. एक बैच 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाता है और बिक्री के बाद 40 से 50 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा हो सकता है. अगर यही काम सालभर में 6 बैचों के साथ किया जाए, तो सालाना आय 2 से 3 लाख रुपये तक हो सकती है.

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