केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में हुए परिवर्तन के लाभ जब तक निचले स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS) और किसानों तक नहीं पहुंचेंगे तब तक सहकारिता क्षेत्र मजबूत नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि पैक्स के लाभ किसानों को दिलाना जरूरी, तभी उनका तेज विकास होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में 2 लाख नई पैक्स और डेयरी रजिस्टर्ड की जाएंगी. इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि हम सहकारी संस्थाओं को आगे बढ़ाएं. हमें सभी प्रकार की सहकारी संस्थाओं में जागरूकता, प्रशिक्षण और पारदर्शिता लाने का प्रयास करना होगा.
केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में ‘विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता की भूमिका’ पर आयोजित समारोह में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2021 से सहकारिता आंदोलन को दोबारा शुरू हुआ है. इसके चलते संयुक्त राष्ट्र ने साल 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तौर पर मनाने का फैसला किया है जिसका आयोजन भारत में किया जाएगा. गृह मंत्री ने कहा कि किसानों की मजबूती के लिए बेहद जरूरी है कि किसानों को PACS से जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि हमें सभी को सरकारी संस्थाओं के बीच सहकारिता को आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए.
सहकारिता की भूमिका के दो सूत्र
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में साल 2021 में पीएम मोदी के नेतृत्व में सहकारिता की शुरुआत दो सूत्रों के माध्यम से देश के सामने की गई थी.इन सूत्रों के आधार पर ही गृह मंत्री ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में हुए बदलाव के लाभ जब तक निचले स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS) और किसानों तक नहीं पहुंचेंगे तब तक सहकारिता क्षेत्र मजबूत नहीं हो सकता. सहाकरिता मंत्री ने कहा कि देश में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि हम सहकारी संस्थाओं को आगे बढ़ाएं. इसके साथ ही उनका कहना है कि देश में सभी तरह की सहकारी संस्थाओं में जागरुकता और ट्रेनिंग देने की कोशिश करनी चाहिए.
सहकारिता वर्ष में साइंस पर विशेष ध्यान
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान साइंस ऑफ कोऑपरेशन और साइंस इन कोऑपरेशन पर भारत सरकार ने जोर दिया है. उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस आंदोलन के तहत हर राज्य और जिले तक सहकारिता का विस्तार हो. साथ ही हर राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियों की स्थिति सुधरे, जिलास्तरीय संस्थाएं मजबूत हो और उनके माध्यम से राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर का सहकारी ढांचा भी मजबूत बने. अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में सहकारिता को पहुंचाना बेहद जरूरी है.इसके लिए देश में सहकारिता के ढांचे को मजबूत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का इस्तेमाल करना चाहिए.
2 लाख नए PACS बनाए जाएंगे
अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने त्रिभुवन कोऑपरेटिव यूनिवर्सिटी की स्थापना की है जो राष्ट्रीय स्तर पर काम करेगी. इस यूनिवर्सिटी की मदद से सहकारिता से जुड़े सभी क्षेत्रों में कोऑपरेटिव के कॉन्सेप्ट के साथ पढ़ाई के उचित इंतजाम किए गए हैं. इसके साथ ही मोदी सरकार ने साल 2029 तक देश के हर गांव में PACS की स्थापना करने का टार्गेट तय किया है. मोदी सरकार द्वारा तय किए गए इस टार्गेट के तहत देशभर में 2 लाख नई पैक्स और डेयरी रजिस्टर्ड की जाएंगी. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि सरकार ने सहकारिता से जुड़ी लगभग 22 गतिविधियों को पैक्स के साथ जोड़ने का काम किया है.