खेती के लिए वरदान साबित होगी ये दवा, फसलों की जड़ों तक पहुंचेगा पोषण

यूरिया फॉस्फेट (17:44:0) इफको का एक पानी में घुलने वाला उर्वरक है, जो कि पौधों का विकास तो करता है, इसके साथ ही ड्रिप सिंचाई में इस्तेमाल किए जाने वाले पाइप को भी साफ करता है.

नोएडा | Published: 17 May, 2025 | 06:50 PM

किसी भी फसल के अच्छे उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि उस फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में दिए जाएं. किसान भी अपनी फसलों की देखभाल बहुत अच्छे से करते हैं लेकिन कई बार सही जानकारी न होने के कारण और जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण फसल खराब हो जाती है , पौधों में लगने वाले फल और फूलों की ग्रोथ रुक जाती है. ऐसे में न केवल फसल बर्बाद होती है बल्कि किसानों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में फसलों को सही पोषण, सही मात्रा में मिले इसके लिए किसान इफको की यूरिया फॉस्फेट दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. खबर में आगे जान लेते हैं कि कैसे काम करती है ये दवा और क्या है इसे इस्तेमाल करने का तरीका.

कैसै काम करती है यूरिया फॉस्फेट

यूरिया फॉस्फेट (17:44:0) इफको का एक पानी में घुलने वाला उर्वरक है जो कि पौधों का विकास तो करता है, साथ ही ड्रिप सिंचाई में इस्तेमाल किए जाने वाले पाइप को भी साफ करता है. इसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस दोनों ही संतुलित मात्रा में मौजूद रहते हैं. इसके इस्तेमाल से पौधों की ग्रोथ के साथ-साथ उसमें लगने वाले फल और फूल के विकास में भी मदद मिलती है. इसको ड्रिप सिंचाई के माध्यम से फसलों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है.

fertilizer

IFFCO Urea Phosphate

क्या हैं इस दवा के फायदे

एक फसल तभी अच्छी और स्वस्थ कहलाती है जब उसकी ग्रोथ अच्छी और तेज हो, साथ ही उसमें नई शाखाओं और फल-फूल आदि का विकास भी अच्छा हो. बता दें कि फसलों में यूरिया फॉस्फेट को उर्वरक के रूप में इस्तेमाल करने से पौधों में नई शाखाएं बनती हैं. पौधों की ग्रोथ तेज होती है. इसके अलावा यह उर्वरक पौधों की जड़ों तक जाकर जड़ों औप बीज दोनों के विकास में मदद करता है. इस उर्वरक की खासियत यह है कि इसका इस्तेमाल हर तरह की फसल के लिए किया जा सकता है.

ऐसे करें दवा का इस्तेमाल

यूरिया फॉस्फेट (17:44:0) का इस्तेमाल फसलों पर ड्रिप सिंचाई विधि, पत्तेदार स्प्रे विधि के माध्यम से किया जाता है. जड़ों के उपचार के लिए 10 ग्राम यूरिया फॉस्फेट (17:44:0) प्रति लीटर पानी में मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं ड्रिप सिंचाई के मदद से आप इस उर्वरक को 1.5 से 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आप पत्तेदार विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उर्वरक का 0.5 से 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर 30 से 40 दिन में छिड़काव करना चाहिए. किसान चाहें तो अपने नजदीकी इफको बाजार केंद्र से इसे खरीद सकते हैं.