मुख्यमंत्री मोहन यादव का ऐलान: हर गांव तक पहुंचेगी बेहतर पशु चिकित्सा सुविधा, जल्द होंगी 700 नई नियुक्तियां
डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि गाय के दूध से बने घी, गौ काष्ठ और गौ मूत्र के उत्पादों के लिए बेहतर मार्केटिंग और बिक्री व्यवस्था की जाए. इससे न केवल गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार भी पैदा होंगे.
मध्यप्रदेश में डेयरी सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे और मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की. इस बैठक में उन्होंने साफ किया कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य सिर्फ सपना नहीं, बल्कि इसे जल्द ही वास्तविकता बनाना है. डेयरी विकास के साथ-साथ पशुपालन को मजबूत करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आय दोनों को नई दिशा मिल सके.
डेयरी विकास होगा तेज
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में गोपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सभी विभाग मिलकर काम करें. बीते दो वर्षों में डेयरी सेक्टर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं. राज्य में 1,000 नई दुग्ध सहकारी समितियां बनी हैं, जबकि 585 निष्क्रिय समितियों को फिर से सक्रिय किया गया है, जो प्रदेश के डेयरी नेटवर्क को काफी मजबूत बनाती है. डॉ. यादव का कहना है कि डेयरी सिर्फ आर्थिक गतिविधि नहीं, बल्कि लाखों परिवारों के जीवन का आधार है और इसलिए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.
पशु चिकित्सा सेवाएं होंगी बेहतर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में स्पष्ट किया कि पशु चिकित्सा सेवाओं का मजबूत होना प्रदेश के पशुपालकों और डेयरी उद्योग के लिए बेहद अहम है. फिलहाल राज्य में 1,065 पशु चिकित्सालय काम कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश में मौजूद विशाल पशुधन को देखते हुए इन सेवाओं का विस्तार जरूरी है. इसी दिशा में सरकार 700 से अधिक नए पदों पर भर्ती की प्रक्रिया के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, जिसमें 200 पशु चिकित्सकों और 500 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की नियुक्ति जल्द की जाएगी. इन नियुक्तियों से न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि पशुपालकों को भी समय पर इलाज और बेहतर मेडिकल सुविधाएं मिल पाएंगी, जिससे पशुधन स्वस्थ रहेगा और दुग्ध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी.
डेयरी किसानों को बड़ा लाभ
बैठक में बताया गया कि दुग्ध संघों द्वारा किसानों से खरीदे जाने वाले दूध के दाम में प्रति लीटर 2.50 रुपये से लेकर 8.50 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है. यह किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है. साथ ही दूध के भुगतान के लिए तय समय सीमा भी लागू की गई है ताकि किसानों को समय पर पैसा मिल सके. इसके साथ ही गौशालाओं को मिलने वाली सहायता राशि को भी बढ़ाया गया है, जो अब प्रति गाय 20 रुपये की जगह 40 रुपये दिए जा रहे हैं.
गाय आधारित उत्पादों को मिलेगा बाजार
डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि गाय के दूध से बने घी, गौ काष्ठ और गौ मूत्र के उत्पादों के लिए बेहतर मार्केटिंग और बिक्री व्यवस्था की जाए. इससे न केवल गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार भी पैदा होंगे.
सहकारिता से मजबूत होगी डेयरी व्यवस्था
13 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच हुए सहयोग समझौते के बाद दुग्ध संघों में नई प्रबंधन समितियां बना दी गई हैं. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी स्टीयरिंग कमेटी जल्द ही “डेयरी डेवलपमेंट प्लान” पेश करेगी. मध्यप्रदेश राष्ट्रीय पशुधन मिशन उद्यमिता कार्यक्रम में और पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड देने में देश में तीसरे स्थान पर है, जो इसकी डेयरी क्षमता को दर्शाता है.
डेयरी और पशुपालन
- बैठक में कई योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई—
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
- मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना
- क्षीर धारा ग्राम योजना
- हिरण्यगर्भा अभियान
- डेयरी समृद्धि संपर्क अभियान
इन सभी योजनाओं का लक्ष्य है किसानों की आय बढ़ाना, पशुधन को सुरक्षित रखना और हर गांव में डेयरी आधारित आत्मनिर्भरता लाना.