क्या होता है फसल कैलेंडर जिसे सरकार ने जारी करने का दिया आदेश, कैसे बढ़ेगी किसानों की कमाई?
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रबी-खरीफ-रबी फसल कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने किसानों को सही फसल चयन, गुणवत्ता सुधार, कोल्ड चेन और मार्केटिंग पर ध्यान देने को कहा. 184 करोड़ रुपये की सब्सिडी और प्रति किलो 4 रुपये प्रोत्साहन के साथ किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.
Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रबी-खरीफ-रबी सीजन के लिए एक फसल कैलेंडर तैयार किया जाए, जो किसानों के लिए लाभदायक हो. उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई और बिक्री इस कैलेंडर के अनुसार होनी चाहिए. दरअसल, राज्य सचिवालय में मंगलवार को धान की खरीद और अन्य कृषि उत्पादों की मार्केटिंग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने यह सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि किसानों को सीजन के अनुसार कौन सी फसल उगानी चाहिए और कौन सी फसल उनके लिए लाभदायक होगी, इस बारे में शिक्षा दी जाए.
उन्होंने फसल की गुणवत्ता बढ़ाने, कटाई के दौरान सही मार्गदर्शन देने और प्रसंस्करण पर ध्यान देने पर जोर दिया. साथ ही उत्पादन को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए कोल्ड चेन और रेल कार्गो जैसी लॉजिस्टिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही. मुख्यमंत्री ने उत्तर आंध्र जिलों में बैंक गारंटी की समस्या का समाधान करने का भी निर्देश दिया, ताकि किसानों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े. बैठक के दौरान उन्होंने राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (SLBC) संयोजक से बात कर आवश्यक निर्देश दिए और सभी जिलों में एकसमान बैंक गारंटी उपलब्ध कराने का आदेश दिया.
आम किसानों को मिला 184 करोड़ की सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों से खरीद करने वाले मिलर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी में लिप्त न हों. वहींं, आम किसानों से जुड़े मुद्दों पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 184 करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर आम किसानों का समर्थन किया है. इसके अलावा, आंध्र प्रदेश प्रति किलो अतिरिक्त 4 रुपये का प्रोत्साहन भी दे रहा है, जो किसी अन्य राज्य में नहीं मिलता. उन्होंने पल्प प्रोसेसिंग यूनिट्स से किसानों के प्रति उदार रहने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कुछ यूनिट्स जानबूझकर किसानों को परेशान कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करेगी, ताकि किसी भी किसान को नुकसान न पहुंचे.
क्या होता है फसल कैलेंडर
फसल कैलेंडर एक ऐसा समय-सारणी है जो किसी क्षेत्र की फसलों से जुड़ी सभी जरूरी गतिविधियों- जैसे खेत तैयार करना, बुवाई, सिंचाई, खाद देना, कीट नियंत्रण और कटाई के सही समय और तारीखें बताता है. इससे किसान बेहतर योजना बना सकते हैं, उपज बढ़ा सकते हैं और लागत घटा सकते हैं. खासकर जलवायु परिवर्तन के समय यह और भी जरूरी हो जाता है. दरअसल, सही समय पर बुवाई करने से फसल मजबूत होती है और ज्यादा पैदावार देती है. साथ ही संसाधनों का सही इस्तेमाल होता है, जिससे बर्बादी कम होती है और अचानक सामान खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती.