करनाल की दो चावल मिलों में बड़ा घोटाला, 25000 क्विंटल धान की लगी चपत.. 2 कर्मचारी निलंबित

हरियाणा के करनाल में असंध ब्लॉक की दो चावल मिलों में करीब 25,000 क्विंटल धान की कमी पाई गई. HAFED ने शिकायत दर्ज की, दो कर्मचारी निलंबित. SIT फर्जी रिकॉर्ड और ‘भूतिया धान’ की जांच कर रही है। यह घोटाला किसानों, एजेंसियों और मिलों के नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है।

नोएडा | Updated On: 12 Nov, 2025 | 07:52 PM

Haryana Paddy Procurement: हरियाणा के करनाल स्थित असंध ब्लॉक में दो और चावल मिलों की जांच में पेडा की कमी सामने आई है. HAFED और CM फ्लाइंग स्क्वॉड की टीम ने भौतिक सत्यापन के दौरान करीब 25,000 क्विंटल धान की कमी पाई. HAFED के जिला प्रबंधक कृपाल दास ने दोनों मिलों के खिलाफ असंध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. फिलहाल एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस मामले में दो HAFED कर्मचारियों अशोक कुमार (फील्ड इंस्पेक्टर-कम-स्टोर कीपर) और सुरिंदर कुमार (सीनियर मैनेजर)  को निलंबित कर दिया गया है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले 5 नवंबर को, तब के जिला प्रबंधक अमित शर्मा को Radhe Radhe Rice Mill और Agarwal Rice Mill में 15,500 और 8,910 क्विंटल की कमी पाए जाने के बाद निलंबित किया गया था. नए जिला प्रबंधक कृपाल दास के अधीन दोबारा सत्यापन किया गया, जिसने कमियों की पुष्टि की. CM फ्लाइंग स्क्वॉड ने 5 नवंबर को Radhe Radhe Rice Mill का पुनः सत्यापन किया और वही कमी पाई.

आरोपियों को ढूंढने के लिए छापेमारी

अधिकारियों को शक है कि ‘प्रॉक्सी प्रोक्योरमेंट’ किया गया होगा, यानी धान खरीद के फर्जी रिकॉर्ड बनाकर दिखाए गए. उन्होंने कहा कि सच्चाई केवल पुलिस जांच से ही सामने आएगी. वहीं, SP करनाल गंगा राम पुनिया ने पुष्टि की है कि उन्हें शिकायत मिल गई है और उचित कार्रवाई की जाएगी. अब तक करनाल जिले में धान खरीद में अनियमितताओं के मामले में तीन FIR दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें दो मार्केट कमिटी सचिव (करनाल और तारोरी), एक चावल मिल मालिक और पांच खरीद अधिकारियों का नाम शामिल है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस आरोपियों को ढूंढने के लिए छापेमारी कर रही है.

DSP रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक SIT गठित

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि फर्जी खरीद रिकॉर्ड बनाए गए थे, जिससे धान मंडियों में नहीं पहुंचने के बावजूद उसे पहुंचा हुआ दिखाया गया, जिससे राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ. इस मामले की जांच के लिए DSP रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक SIT गठित की गई है, जिसमें CIA-2 के सदस्य, संबंधित थानों की पुलिस और साइबर विशेषज्ञ शामिल हैं. अधिकारी का कहना है कि SIT जल्द ही इस मामले में जुड़े नेटवर्क को उजागर करेगी.

फर्जी धान की खरीद के नाम पर भुगतान

जांचकर्ता अब तथाकथित ‘धान घोटाले’ की पूरी कड़ी का पता लगा रहे हैं. किसान के पंजीकरण से लेकर Meri Fasal Mera Byora पोर्टल पर, गेट पास जारी होने और फर्जी धान की खरीद के नाम पर भुगतान तक.  इस जांच का मकसद यह भी है कि उन कमिशन एजेंटों, खरीद एजेंसियों और चावल मिलों की पहचान की जाए, जिन्होंने इस घोटाले में हिस्सा लिया हो.

Published: 12 Nov, 2025 | 10:30 PM

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