21वीं किस्त जारी होने से पहले CM स्टालिन ने PM मोदी से कर दी बड़ी मांग, सुनकर किसान हो जाएंगे गदगद
तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने पीएम मोदी से खरीफ सीजन के लिए धान खरीद लक्ष्य बढ़ाने और नमी सीमा 17 फीसदी से 22 फीसदी करने की मांग की. उन्होंने फोर्टिफाइड चावल की टेस्टिंग प्रक्रिया आसान करने और FRK मानक बढ़ाने पर भी जोर दिया, ताकि किसानों को समय पर लाभ मिल सके.
Tamil Nadu News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के कोयंबटूर के दौर पर हैं. वे आज वहां से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निध योजना की 21 किस्त जारी करेंगे. इसी बीच मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि तमिलनाडु को खरीफ सीजन के लिए धान खरीद लक्ष्य बढ़ाने की अनुमति दी जाए. साथ ही धान खरीदने के लिए नमी की सीमा में भी ढील दी जाए, ताकि किसानों से अधिक से अधिक मात्रा में धान की खरीदी की जा सके.
सरकारी बयान के मुताबिक, स्टालिन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में दो मुख्य मांगें रखी हैं. पहली मांग में उन्होंने धान खरीद में नमी की सीमा 17 फीसदी से बढ़ाकर 22 फीसदी करने का आग्रह किया है. साथ ही दूसरी मांग में सीएम स्टालिन ने केंद्र द्वारा तय 16 लाख टन के खरीद लक्ष्य को बढ़ाने की बात कही है. सीएम ने फोर्टिफाइड चावल के सैंपल टेस्टिंग से जुड़ी प्रक्रियाओं में ढील देने की भी मांग की, क्योंकि सख्त नियमों की वजह से मिल्ड राइस की आवाजाही प्रभावित हो रही है.
3,559 करोड़ रुपये की धान खरीदी
स्टालिन ने कहा कि 16 नवंबर तक इस साल धान खरीद 14.11 लाख टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल इसी समय यह 4.81 लाख टन थी. राज्य ने इस बार 1,932 डायरेक्ट प्रोक्योरमेंट सेंटर (DPC) चलाकर 1,86,674 किसानों से 14.11 लाख टन धान 3,559 करोड़ रुपये में खरीदा है. पिछले साल इसी अवधि में 1,095 केंद्रों के जरिये सिर्फ़ 4.83 लाख टन धान खरीदा गया था.
नमी सीमा में छूट देने की मांग
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि धान खरीद में नमी की सीमा (moisture norms) को ढीला करने का आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अगले साल 31 अगस्त 2026 तक राज्य में लगभग 98.25 लाख टन धान (66.81 लाख टन चावल) का बाजार योग्य अधिशेष होने की संभावना है. सीएम ने कहा कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में तीन केंद्रीय टीमें जमीन पर निरीक्षण कर चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद नमी सीमा में ढील देने का कोई आदेश नहीं आया है. चूंकि खरीफ (कुरुवई) सीजन की खरीद अभी चल रही है और उत्तर- पूर्व मॉनसून फिर तेज होने वाला है, इसलिए किसानों को नुकसान से बचाने के लिए यह आदेश तुरंत जारी होना जरूरी है.
फोर्टिफाइड चावल को लेकर कही ये बात
स्टालिन ने फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति में होने वाली देरी का भी जिक्र किया, जो लैब टेस्टिंग में ज्यादा समय लगने की वजह से होती है. उन्होंने कहा कि खरीद किए गए धान को फोर्टिफाइड चावल के रूप में मिलिंग और भंडारण प्रबंधन के लिए अधिक FRK (Fortified Rice Kernels) की आवश्यकता पड़ेगी, खासकर सांबा फसल से पहले. इसी वजह से उन्होंने FRK चिपिंग लिमिट 25 किलो से बढ़ाकर 50 किलो करने, बैच सैंपल आकार 10 MT से बढ़ाकर 25 MT करने, और टेस्टिंग के लिए सैंपल की संख्या कम करके जांच का समय सात दिन तक करने का अनुरोध किया. साथ ही, FCI अधिकारियों और दक्षिण भारत की मान्यता प्राप्त लैबों को सैंपल लेने और परीक्षण करने की अनुमति देने की भी मांग की.