महाराष्‍ट्र में गन्‍ना उत्पादन में गिरावट, चीनी की कीमतों में होगा और इजाफा!

एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी आयुक्तालय के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्‍ट्र में कुल चीनी उत्पादन 728.67 लाख क्विंटल है. यह पिछले साल 879.6 लाख क्विंटल था.

Kisan India
Noida | Published: 8 Mar, 2025 | 11:00 AM

महाराष्‍ट्र के पुणे में इस सीजन में चीनी उत्पादन में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है. यह पिछले साल की तुलना में 24 फरवरी तक 151 लाख क्विंटल कम है. यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब पिछले दिनों ही एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में चीनी की कीमतों में 6.5 फीसदी की वृद्धि हुई है. कहा जा रहा है कि उत्पादन उम्मीद से कम होने के कारण इसमें और वृद्धि होने की संभावना है. बाजार विशेषज्ञों की मानें तो प्रतिकूल मौसम और दो साल के बाद चीनी निर्यात को फिर से खोलने के कारण चीनी उत्पादन में गिरावट आई है.

मौसम की वजह से मिलें बंद

हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी आयुक्तालय के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्‍ट्र में कुल चीनी उत्पादन 728.67 लाख क्विंटल है. यह पिछले साल 879.6 लाख क्विंटल था. विशेषज्ञों का अनुमान है कि उत्पादन में कमी के कारण चीनी की कीमतों में वृद्धि होगी. इस कमी का कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति और वैकल्पिक उपयोगों के लिए गन्‍ने का प्रयोग है. इसकी वजह से गन्‍ना पेराई सत्र सामान्य से पहले ही खत्‍म हो रहा है. सीमित गन्‍ना उपलब्धता के कारण 44 चीनी मिलों ने परिचालन बंद कर दिया है.

अखबार ने पुणे में चीनी आयुक्त कार्यालय के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) मंगेश टिटकरे के हवाले से लिखा है कि इस सीजन में चालू 200 मिलों में से – जिनमें 99 सहकारी और 101 निजी इकाइयां हैं – 44 ने पहले ही अपनी पेराई गतिविधियां खत्म कर ली हैं.

विभाग की तरफ से स्‍टडी

कृषि विभाग के ज्वॉइन्‍ट डायरेक्‍टर निदेशक महेश जेंडे ने कहा कि सोलापुर क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हुआ है, जहां कई कारखाने बंद हो गए हैं. उनका कहना था कि अभी सटीक डेटा आना बाकी है. शुरुआती आकलन से पता चलता है कि प्रतिकूल मौसम और गुड़ उत्पादन, चारा और बाद की खेती के लिए गन्‍ने का प्रयोग कम उत्पादन के लिए प्राथमिक कारक हैं. इन प्रभावों को मापने के लिए एक विस्‍तृत अध्ययन चल रहा है.

चीनी होगी और महंगी !

राष्‍ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य को बनाए रखने और बाजार में उच्च कीमतों के कारण कारखानों को किसानों के भुगतान दायित्वों को पूरा करने में मदद मिलेगी. हाल ही में व्यापार डेटा में भी इसी तरह की बातें कही गई थीं. इसमें कहा गया था कि पिछले महीने महाराष्‍ट्र में एक्स-मिल चीनी की कीमतों में 6.5 फीसदी की वृद्धि का पता चलता है. 17 फरवरी तक, एस-30 ग्रेड चीनी की कीमत 3,790 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई. यह एक महीने पहले 3,565 रुपये प्रति क्विंटल थी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 8 Mar, 2025 | 11:00 AM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%