पंजाब में गोल्डन गेट पर किसानों का जोरदार प्रदर्शन, भगवंत मान और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी

पंजाब के अमृतसर में गोल्डन गेट पर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया है. किसानों की समस्याओं को लेकर किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में कई संगठनों के किसान एकजुट हुए हैं. पराली प्रबंधन, बाढ़ की जांच, खरीफ फसलों की कीमत समेत कई मुद्दों पर समाधान नहीं होने से किसान नाराज हैं.

नोएडा | Updated On: 6 Oct, 2025 | 12:56 PM

बाढ़ पीड़ित किसानों को मुआवजा, फसलों की खरीद कीमत, लोन माफी समेत कई मुद्दों को लेकर पंजाब के अमृतसर में गोल्डन गेट पर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया. मौके पर जुटे किसानों ने पंजाब के सीएम भगवंत मान और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है. किसानों ने चेतावनी दी है कि सरकार मदद नहीं कर रही है, अगर रवैया नहीं बदला गया तो किसान लंबे समय के लिए आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

पंढेर बोले- किसानों के साथ नाइंसाफी और बर्दाश्त नहीं करेंगे

किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर आज सोमवार 6 अक्तूबर को पंजाब के कई किसान संगठन अमृतसर में एकजुट हुए हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने किसानों के साथ नाइंसाफी किए जाने का आरोप लगाते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि किसानों की मुद्दों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. वे लोग जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिशें कर रहे हैं. लेकिन, अगर स्थिति यही रही तो लंबे समय के लिए आंदोलन के लिए किसान मजबूर होंगे.

70 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे सरकार

किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में जुटे किसानों की मुख्य मांग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को तत्काल मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही 70 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा सरकार दे. धान खेत मजदूर, पशुधन, खेत और घरों को हुए नुकसान के हिसाब से मुआवजा जारी किया जाए. इसके साथ ही बाढ़ के चलते खेतों में जमा हुई रेत को खाली करने के लिए और किसानों के लिए रेत निकालने पर तारीख की कोई रोक न लगे.

पंजाब में बाढ़ की वजह जांचने के लिए आयोग गठित हो

पंजाब में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. पंजाब में बाढ़ की वजह की जांच की जाए और डैम से छोड़े गए पानी की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाए. किसानों ने आरोप लगाया कि यह बाढ़ प्राकृतिक या मानव निर्मित नहीं थी. नदियों को विस्तार दिया जाए और बंद या जाम नहरों को खोला जाए और उन्हें साफ कराया जाए.

पराली जलाने पर कार्रवाई को लेकर किसानों में गुस्सा

किसान नेताओं ने कहा कि पराली जलाने के आरोपों पर किसानों की गिरफ्तारी और रेड एंट्री पर रोक लगाई जाए.  पराली के ठोस समाधान सरकार लाए या 200 रुपये क्विंटल और 6000 प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए राशि दी जाए. किसानों ने कहा कि जबरन गिरफ्तार कर जुर्माना और रेड एंट्री तत्काल प्रभाव से बंद की जाए. कृषि क्षेत्र सालाना केवल 6 फीसदी वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है, लेकिन 94 फीसदी वायु प्रदूषण के लिए अन्य सेक्टर जिम्मेदार हैं और उन पर कार्रवाई की जाए.

आंदोलन पर मीडिया से बात करते किसान नेता सरवन सिंह पंढेर.

पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन का आह्वान

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर के आह्वान पर किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी. आज गुरदासपुर में दो जगह, होशियारपुर में 4 जगह और जालंधर में 5 जगह पुतला फूंकने और प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके साथ ही कपूरथला, तरन तरन, फिरोजपुर, फाजिल्का, मोगा, लुधियाना, मुक्तसर, पठानकोट में भी किसान जुटे हैं और विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन को पत्र सौपेंगे.

Published: 6 Oct, 2025 | 12:28 PM

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