अब बाजार नहीं, घर से मिलेगी अजवाइन-जानिए गमले में उगाने का सही तरीका

अक्सर लोग बाजार में मिलने वाले “अजवाइन लीफ प्लांट” को असली अजवाइन समझ लेते हैं. जबकि असली अजवाइन का पौधा बीज से उगता है और उसकी पत्तियां हरे धनिए जैसी होती हैं. मोटी और रसीली पत्तियों वाला पौधा दरअसल अलग किस्म का होता है.

नई दिल्ली | Published: 24 Dec, 2025 | 12:52 PM

Gardening Tips: आजकल लोग शुद्ध और ताजा खाने की ओर तेजी से लौट रहे हैं. यही वजह है कि घर पर गार्डनिंग का शौक भी बढ़ता जा रहा है. सब्जियों और फलों के साथ-साथ अब मसालों को भी लोग गमले में उगाने लगे हैं. इन्हीं में से एक है अजवाइन, जो न सिर्फ रसोई का जरूरी मसाला है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. अच्छी बात यह है कि अजवाइन को आप बहुत आसानी से घर के गमले में उगा सकते हैं.

अजवाइन क्यों है खास

अजवाइन का इस्तेमाल तड़के से लेकर दवाइयों तक किया जाता है. यह पाचन को बेहतर बनाती है, गैस और पेट दर्द में राहत देती है और खाने का स्वाद भी बढ़ाती है. बाजार से खरीदी गई अजवाइन की जगह अगर ताजा पत्तियां घर से ही मिल जाएं, तो स्वाद और पोषण दोनों दोगुने हो जाते हैं.

सही अजवाइन की पहचान जरूरी

अक्सर लोग बाजार में मिलने वाले “अजवाइन लीफ प्लांट” को असली अजवाइन समझ लेते हैं. जबकि असली अजवाइन का पौधा बीज से उगता है और उसकी पत्तियां हरे धनिए जैसी होती हैं. मोटी और रसीली पत्तियों वाला पौधा दरअसल अलग किस्म का होता है, जिसे बीज के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता.

गमले में अजवाइन लगाने का आसान तरीका

अजवाइन लगाने के लिए बहुत बड़े गमले की जरूरत नहीं होती. एक मध्यम आकार का गमला लें, जिसमें पानी निकलने के लिए नीचे छेद हो. मिट्टी तैयार करते समय 50 प्रतिशत सामान्य मिट्टी, 30 प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट और 20 प्रतिशत रेत या कोकोपीट मिला लें. इससे मिट्टी हल्की और पोषक बनती है.

अब इस मिट्टी को गमले में भरकर हल्का गीला कर लें. ऊपर से अजवाइन के बीज छिड़क दें और बहुत पतली परत में मिट्टी डालकर ढक दें. इसके बाद स्प्रे या हल्के पानी से नमी बनाए रखें. करीब 7 से 14 दिनों में बीज अंकुरित होने लगते हैं और कुछ ही समय में हरी-हरी पत्तियां दिखने लगती हैं.

देखभाल कैसे करें

अजवाइन के पौधे को ज्यादा पानी पसंद नहीं है. जब मिट्टी की ऊपरी सतह सूखी लगे, तभी पानी दें. सर्दियों में 3–4 दिन में एक बार पानी काफी होता है, जबकि गर्मियों में रोज हल्का पानी देना पड़ सकता है. पौधे को रोजाना 4–5 घंटे धूप मिलनी चाहिए, लेकिन तेज दोपहर की धूप से बचाना जरूरी है.

हर 15–20 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट दें. चाहें तो नीम की खली को पानी में घोलकर पौधे में डाल सकते हैं. इससे पौधा मजबूत होता है और कीट भी दूर रहते हैं.

सही मौसम और तापमान

अजवाइन लगाने के लिए सितंबर से अक्टूबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इसे न बहुत ज्यादा गर्मी पसंद है और न ही ज्यादा ठंड. लगभग 15 से 21 डिग्री सेल्सियस तापमान में यह पौधा अच्छी तरह बढ़ता है.

घर की रसोई में ताजी अजवाइन

कुछ ही हफ्तों में आप अपने गमले से ताजी अजवाइन की पत्तियां तोड़कर रसोई में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ेगा, बल्कि आपको यह संतोष भी मिलेगा कि आप अपनी सेहत के लिए कुछ खुद उगा रहे हैं. गमले में अजवाइन उगाना आसान भी है और फायदेमंद भी.

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