सीएम सुक्खू का ऐलान: आपदा पीड़ितों को मिलेगी एक बीघा जमीन, केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि राज्य सरकार के पास अपनी जमीन नहीं है, क्योंकि ज्यादातर जमीन वन अधिनियम के तहत आती है. इसलिए सरकार ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया है. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही यह योजना लागू हो सकेगी.
हिमाचल प्रदेश लगातार प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है. कभी भारी बारिश तो कभी भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने हजारों परिवारों का घर उजाड़ दिया. ऐसे में प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए आपदा प्रभावित परिवारों को राहत देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा के मानसून सत्र में कहा कि प्रभावित परिवारों को एक बीघा जमीन दी जाएगी, ताकि वे फिर से अपने जीवन की नई शुरुआत कर सकें.
जमीन का संकट और केंद्र की भूमिका
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि राज्य सरकार के पास अपनी जमीन नहीं है, क्योंकि ज्यादातर जमीन वन अधिनियम के तहत आती है. इसलिए सरकार ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया है. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही यह योजना लागू हो सकेगी.
विपक्ष पर वार
सीएम सुक्खू ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपदा जैसी गंभीर स्थिति में भी विपक्ष राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा. उन्होंने याद दिलाया कि जब किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर) में आपदा आई थी तो प्रभावितों को सिर्फ 1.30 लाख रुपये घर बनाने के लिए दिए गए थे. लेकिन हिमाचल सरकार ने 7 लाख रुपये घर बनाने के लिए और 70 हजार रुपये सामान की भरपाई के लिए देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह पैकेज पूरे प्रदेश में लागू होगा.
कैंसर और कीटनाशकों का खतरा
सीएम सुक्खू ने एक और बड़ी समस्या की ओर इशारा किया, कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या. उन्होंने माना कि इसका मुख्य कारण फलों और सब्जियों पर हो रहा कीटनाशकों और यूरिया का अत्यधिक प्रयोग है. उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है.
नई स्वास्थ्य सुविधाएं
राज्य में कैंसर मरीजों के इलाज के लिए सरकार कई कदम उठा रही है—
- शिमला के आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में पैट स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी.
- हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर संस्थान बनाया जाएगा.
- नेरचौक और अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
- पूरे प्रदेश में 3,000 करोड़ रुपये से नई मशीनें और उपकरण खरीदे जाएंगे.
मरीजों को मिलेगा सहारा
विधानसभा में कुछ विधायकों ने कैंसर मरीजों के मामलों को उठाया. ऊना जिले के एक कैंसर पीड़ित बच्चे का उदाहरण देते हुए बताया गया कि उसके बोन मैरो ट्रांसप्लांट में 20 लाख रुपये खर्च होंगे. इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद का आश्वासन दिया. साथ ही ऊना में कीमोथैरेपी सेंटर खोलने की भी मांग उठी.
दवाओं की गुणवत्ता पर सख्ती
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि लंबे समय से खाली पड़े स्टेट ड्रग कंट्रोलर का पद जल्द भरा जाएगा. बीबीएन (बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़) को एशिया का फार्मा हब माना जाता है, लेकिन इस पद के खाली रहने से दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे थे. अब सरकार ने इसे प्राथमिकता पर लेने का वादा किया है.