गर्मियों में अमरूद के बागों में जरूर कर लें ये 5 काम, खूब होगी पैदावार

पिंक ताइवान अमरूद एक स्वादिष्ट और रसीला अमरूद है. इसे साइडियम गुआवाव के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खासियत है कि इसके बीज बहुत मुलायाम होते हैं.

नोएडा | Updated On: 14 Apr, 2025 | 11:13 PM

गर्मी का सीजन शुरू हो गया है और ऐसे में पानी का जलस्तर कम होता है जिससे सही ढंग से फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती है, साथ ही तेज धूप में पेड़-पौधे मुरझाने लगते हैं. ऐसे बहुत से पौधे हैं जो गर्मी की मार से मुरझा जाते हैं . इन्हीं में से एक है पिंक ताइवान अमरूद का पौधा. यह समय पिंक ताइवान अमरूद की खेती करने वाले किसानों के लिए बेहद ही अहम होता है. अमरूद के पौधे को खास देखभाल की जरूरत होती है. गर्मी के मौसम में जरा सी लापरवाही अमरूद के पौधे को नुकसान पहुंचा सकती है.

क्या है पिंक ताइवान अमरूद

पिंक ताइवान अमरूद एक स्वादिष्ट और रसीला अमरूद है. इसे साइडियम गुआवाव के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खासियत है कि इसके बीज बहुत मुलायाम होते हैं और इसकी अंदर की परत पिंक होती है. इसका पौधा करीब 6 से 7 फुट ऊंचा होता है जिसमें करीब 4 से 13 सेंटीमीटर के आकार के फल आते हैं. इसके पौधे को लगाने के 6 महीने बाद इसमें फल आना शुरू होते है.

सिंचाई पर देना होगा ध्यान

गर्मी के सीजन में अमरूद के बागों की अच्छे से देखभाल करने की जरूरत होती है. यह वो समय है जब पिंक ताइवान अमरूद में फूल आ रहे हैं और फूल के बाद फल बनने का प्रोसेस शुरू हो जाएगा. ऐसे में पेड़ों को बचाने के लिए देसी और सस्ते उपाय किए जा सकते हैं . साथ ही समय-समय पर पौधे की सिंचाई भी करते रहनी चाहिए.

बचाव के लिए करें ये उपाय

तेज धूप से अमरूद के पौधे के बचाव के लिए आप मल्चिंग कर सकते हैं. मल्चिंग करने के लिए अगर किसास के पास पराली या गन्ने का फसल अवशेष है तो अमरूद के पौधों की दो लाइनों के बीच में खाली पड़ी जगह पर उसे बिछा दें. पराली को बिछाने के बाद एक बार सिंचाई कर दें. ऐसा करने से बाग में ज्यादा दिन तक नमी बनी रहती है और मिट्टी में दरारें भी नहीं आती हैं. साथ ही मल्चिंग के लिए इस्तेमाल में लाई गई पराली या फसल अवशेष धीरे-धीरे खाद में बदल जाती है. ऐसा होने से अमरूद के पौधों को जरूरी पोषण भी मिलेगा और बंपर उत्पादन भी होगा.

Published: 15 Apr, 2025 | 10:05 AM