मूंगफली की ‘GJG-32’ किस्म से पाएं 15 फीसदी ज्यादा उत्पादन, जानें कहां मिलेंगे सस्ते बीज

बाजार में इसके 30 किग्रा का पैकेट 4200 रुपए का है जबकि बीज निगम यही पैकेट केवल 3600 रुपए में उपलब्ध करा रहा है. किसान चाहें तो इसे ऑनलाइन अपने घर मंगवा सकते हैं.

नोएडा | Published: 6 Jun, 2025 | 10:27 AM

मूंगफली खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों में से एक है जिसकी मांग बाजार में सालभर रहती है. यही कारण है कि किसान मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर करते है. वैसे तो मूंगफली मुख्य रूप से खरीफ फसल है लेकिन कुछ जगहों पर इसकी खेती रबी सीजन में भी की जाती है. मूंगफली की एक ऐसी ही बेहतरीन स्पेनिश बंच किस्म मूंगफली GJG-32 है. मूंगफली की इस किस्म को गुजरात में खरीफ सीजन के लिए विकसित किया गया है. इसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. बात कर लेते हैं खबर में कि किसान कहां से सस्ते में खरीद सकते हैं इसके बीज.

बीज निगम से सस्ते में खरीदें

खरीफ सीजन की फसल होने के साथ साथ मूंगफली एक व्यावसायिक फसल भी है जिसकी खेती किसानों को अच्छा फायदा दिला सकती है. किसानों की सहूलियत के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ( National Seed Corporation) मूंगफली GJG -32 के बीज सस्ते में उपलब्ध करा रहा है. बाजार में इसके 30 किग्रा का पैकेट 4200 रुपए का है जबकि बीज निगम यही पैकेट केवल 3600 रुपए में उपलब्ध करा रहा है. किसान चाहें तो इसे ऑनलाइन अपने घर मंगवा सकते हैं. 10 जून तक इसका 30 किग्रा का पैकेट खरीदने पर एक जैकेट फ्री दिया जाएगा.

Groundnut GJG-32 Seeds

इस किस्म की खासियत

मूंगफली की इस किस्म को जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय (JAU), गुजरात में विकसित किया गया है. इसकी खासियत यह है कि फसल को खराब करने वाले कई रोगों के प्रतिरोधी है. बुवाई की करीब 115 से 124 दिन में ये पककर तैयार हो जाती है. इसकी प्रति एकड़ फसल से किसान लगभग 13.73 क्विंटल पैदावार कर सकता है. मूंगफली की इस किस्म में तेल की मात्रा करीब 53.9 फीसदी तक होती है.

इस किस्म की खेती से फायदा

मूंगफली GJG-32 की खेती से किसानों को कई फायदे हो सकते हैं. पारंपरिक किस्मों के मुकाबले इस किस्म की पैदावार लगभग 15 से 22 फीसदी ज्यादा है. इस किस्म में 53.9 फीसदी तेल और 27.52 फीसदी प्रोटीन होता है जो उसे तेल के व्यापार और जानवरों के खाने के लिए बेस्ट बनाता है. जिन जगहों पर पानी की कमी है वहां के किसान भी इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं. इसकी सिंचाई के लिए बारिश का पानी काफी होता है.

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