खाद के साथ अन्य सामान थोपने पर कार्रवाई, कृषि मंत्री के आदेश पर एक्शन मोड में अफसर
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को खाद के साथ कोई और सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. यदि ऐसी शिकायतें मिलती हैं तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इन दिनों खेतों में गन्ना की टॉप ड्रेसिंग के लिए खाद की जरूरत है और धान के लिए भी किसानों को खाद खरीदने पर विक्रेताओं की ओर से जबरदस्ती किसानों को दूसरे उत्पाद थमाए जाने के मामलों पर एक्शन शुरू हो गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को खाद के साथ कोई और सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. यदि ऐसी शिकायतें मिलती हैं तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. निर्देशों के बाद से राजस्थान, मध्य प्रदेश और यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में कार्रवाई शुरू हो गई है, अफसर ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए एक्शन मोड में हैं.
खाद के साथ अन्य सामान थोपने की शिकायतों पर सख्त शिवराज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पटना में स्पष्ट किया कि किसानों को खाद के साथ किसी और वस्तु की खरीददारी के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों से ऐसी शिकायतें मिली हैं कि खाद लेने के समय किसानों पर अन्य चीजें खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है. कृषि मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी घटनाओं की पुष्टि होती है, तो जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि किसानों की शिकायतों पर तुरंत संज्ञान लें.
किसान देश के असली वैज्ञानिक
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिन पटना में किसानों से संवाद करते हुए उन्होंने देश के किसानों को असली वैज्ञानिक बताया. उन्होंने कहा, “कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा हैं. किसानों की सेवा मेरे लिए पूजा है. मैं मालिक नहीं, सेवक हूं.” उन्होंने कहा कृषि की मदद से ही देश की तेज तरक्की संभव है.
खेत देश की सबसे बड़ी प्रयोगशाला
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने “हमारे किसान ही असली वैज्ञानिक हैं, जो अनुभव की प्रयोगशाला में हर दिन नए प्रयोग करते हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों के हित में कार्य कर रही है और “हम सभी एक टीम की तरह कार्य करते हुए भारतीय कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.