रागी यानी फिंगर मिलेट (Finger Millet) की खेती भारत के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर की जाती है. खास तौर पर दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में. साथ ही इसकी खेती कुछ हिमालीय क्षेत्रों में भी की जाती है. रागी खरीफ सीजन की मुख्य फसलों में से एक है. जिसे किसान आसानी से कम पानी और कम उपजाऊ मिट्टी में भी उगा सकते हैं. खबर में आगे बात करेंगे रागी की किस्म वीएल- 376 (Ragi VL-376) की और जानेंगे किसान कहां से सस्ते में खरीद सकते हैं इसके बीज.
बीज निगम से खरीदें बीज
किसानों की सहूलियत के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) बाजार से कम कीमतों पर फसलों के बीज उपलब्ध कराता है. रागी वीएल-376 के बीज का 5 किग्रा का पैकेट बाजार में 525 रुपये का है. जबकि एनएससी यही पैकेट किसानों को मात्र 390 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. 7 जून तक अगर कोई किसान रागी की इस किस्म के 5 किग्रा बीज के 4 पैकेट खरीदता है तो उसे एक जैकेट फ्री दी जाएगी. किसान चाहें तो ऑनलाइन इन बीजों को मंगवा सकते हैं. ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए आपको बीज निगम की वेबसाइट www.mystore.in पर जाना होगा.

Ragi VL-376 Seeds pack of 5kg
क्या है इस किस्म की खासियत
रागी वीएल-376 को राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) द्वारा विकसित किया गया है. यह रागी की एक अच्छी क्वालिटी वाली किस्म है जिसकी खेती खास तौर पर उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, और कर्नाटक में की जाती है. इसकी खासियत है कि ये बुवाई के 100 से 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. साथ ही इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसानों को 12 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है. रागी की ये किस्म ब्लास्ट रोग की प्रतिरोधी होती है.
67 हजार तक हो सकती है कमाई
रागी वीएल-376 की प्रति हेक्टेयर फसल के लिए 4 से 5 किग्रा बीज की जरूरत होती है. प्रति हेक्टेयर रागी की खेती पर किसान की कुल लागत 8 से 10 हजार रुपये तक होती है. रागी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) करीब 3846 रुपये प्रति क्विंटल है. अगर किसी किसान को 20 क्विंटल पैदावार मिली है तो एमएसपी के अनुसार उसकी कुल कमाई 76 हजार 920 रुपये होगी. अब अगर किसान की कुल कमाई से लागत घटा दी जाए तो किसानो को औसतन 67 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा हो सकता है.