नीला नहीं, इस तालाब का पानी है गुलाबी…वैज्ञानिक भी हैरान, जानिए असली वजह

बचपन से हमने हमेशा पानी को नीला या पारदर्शी रूप में ही देखा है, लेकिन लेक हिलियर प्रकृति के इस नियम को तोड़ देती है. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट पर स्थित यह झील लगभग 600 मीटर लंबी है और चारों तरफ सफेद नमक की परत से घिरी हुई है.

नई दिल्ली | Published: 10 Dec, 2025 | 02:35 PM

दुनिया में प्राकृतिक सुंदरता की कोई कमी नहीं, लेकिन कुछ जगहें ऐसी भी हैं जो पहली नजर में यकीन करने लायक नहीं लगतीं. ऑस्ट्रेलिया का गुलाबी तालाब लेक हिलियर ऐसी ही एक अद्भुत जगह है, जिसे देखकर लोग अक्सर कहते हैं, “ये तो जरूर एडिटेड फोटो होगी!” लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह तालाब सच में गुलाबी है, और उसका रंग वैज्ञानिकों को भी आज तक चकित करता रहा है.

डिस्कवरी की वेबसाइट के अनुसार, यह तालाब इतना चमकदार है कि ड्रोन या हवाई जहाज से देखने पर इसकी पिंक छटा किसी बड़े च्युइंग गम की तरह चमकती है. इसी वजह से यह दुनिया के सबसे अनोखे झीलों में गिना जाता है.

गुलाबी तालाब की कहानी

बचपन से हमने हमेशा पानी को नीला या पारदर्शी रूप में ही देखा है, लेकिन लेक हिलियर प्रकृति के इस नियम को तोड़ देती है. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट पर स्थित यह झील लगभग 600 मीटर लंबी है और चारों तरफ सफेद नमक की परत से घिरी हुई है. झील के गुलाबी रंग की चमक इसके आस-पास के नीले समुद्र से और भी ज्यादा उजली दिखती है.

कई सालों तक लोगों को लगता रहा कि यह रंग किसी जादुई प्रभाव या एलियन गतिविधि का परिणाम है. लेकिन असली कारण जानने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने गहराई से शोध शुरू किया.

आखिर क्यों है पानी गुलाबी?

साल 2015 में ‘एक्स्ट्रीम माइक्रोबायोम प्रोजेक्ट’ के तहत वैज्ञानिकों की एक टीम लेक हिलियर पहुंची. उन्होंने पानी के नमूने लिए और डीएनए जांच की. इस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

वैज्ञानिकों को यहां मिले नमक पर पनपने वाले 10 तरह के बैक्टीरिया, डूनालियेला नामक गुलाबी और लाल रंग वाली एल्गी और सबसे खास है सैलिनीबैक्टर रबर नाम का एक विशेष बैक्टीरिया. यह सैलिनीबैक्टर रबर ही वह जीव है जिसका लाल-गुलाबी रंग इस तालाब का रंग बदल देता है. जब सूरज की किरणें इन बैक्टीरिया पर पड़ती हैं, तो पूरा तालाब एक गुलाबी शीशे की तरह चमकने लगता है.

क्या ये तालाब सुरक्षित है? 

हां! लेक हिलियर में तैरना पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है. इसके पानी में नमक की मात्रा बहुत अधिक है, इसलिए शरीर आसानी से तैरने लगता है, बिल्कुल मृत सागर (Dead Sea) की तरह. न तो यह पानी त्वचा के लिए हानिकारक है और न ही इसके बैक्टीरिया मनुष्यों को कोई नुकसान पहुंचाते हैं.

कई पर्यटक यहां आकर ड्रोन फुटेज और तस्वीरें लेते हैं, जिनमें झील च्युइंग गम जैसे चमकीले गुलाबी रंग में दिखती है. कई बार लोग तस्वीरें देखकर कहते हैं यह तो फेक है!” लेकिन यह प्रकृति का असली खेल है.

लोगों के बीच बनी रहस्यमय कहानियां

लेक हिलियर के बारे में सालों से कई तरह की कहानियां चलती रही हैं, कुछ लोगों ने माना कि एलियंस ने झील को बनावटी रूप से रंग दिया, कुछ ने कहा कि यह किसी रासायनिक प्रतिक्रिया का परिणाम है, जबकि वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन से इसे पूरी तरह प्राकृतिक बताया. इन रहस्यों और कहानियों ने झील को और भी दिलचस्प बना दिया है.

प्रकृति का गुलाबी चमत्कार

लेक हिलियर सिर्फ एक तालाब नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक चमत्कार है जो साबित करता है कि हमारी धरती कितनी अद्भुत है. यह वह जगह है जहां विज्ञान और प्रकृति मिलकर एक ऐसा दृश्य बनाते हैं जिसे देखकर कोई भी हैरान रह जाए.

अगर आप कभी ऑस्ट्रेलिया जाएं, तो यह झील आपकी यात्रा का सबसे यादगार हिस्सा बन जाएगी क्योंकि हर दिन गुलाबी पानी देखने को नहीं मिलता.

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