कृषि एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा, रूस की कृषि मंत्री और शिवराज के बीच इन मुद्दों पर हुई डील
भारत और रूस ने कृषि व्यापार और अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और रूस की ओक्साना लुट की बैठक में 3.5 बिलियन डॉलर के कृषि व्यापार पर चर्चा हुई और ICAR–रूस फेडरल सेंटर के बीच MoU साइन हुआ.
India-Russia Agriculture Cooperation: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 दिसंबर 2025 को कृषि भवन में रूस की कृषि मंत्री ओक्साना लुट से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-रूस के मौजूदा कृषि सहयोग की समीक्षा की और भविष्य में साथ काम करने के नए क्षेत्रों पर चर्चा की. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि भारत और रूस के रिश्ते विश्वास, दोस्ती और सहयोग पर आधारित हैं. चौहान ने बताया कि दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार बढ़कर लगभग 3.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि व्यापार को संतुलित करने की जरूरत है और भारतीय आलू, अनार और बीज निर्यात से जुड़े लंबित मुद्दे हल करने के लिए रूस का धन्यवाद किया.
एक MoU पर भी हस्ताक्षर हुए
दोनों देशों ने भारत से खाद्यान्न और फल-सब्जियों के निर्यात को बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार किया. इसी बैठक के दौरान कृषि अनुसंधान, नवाचार और क्षमता-निर्माण को मजबूत करने के लिए ICAR और रूस के फेडरल सेंटर फॉर एनिमल हेल्थ के बीच एक MoU पर भी हस्ताक्षर किए गए. शिवराज सिंह चौहान ने रूस को अगले वर्ष भारत में होने वाली ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया. भारत और रूस ने कृषि व्यापार, उर्वरक, बीज, बाजार पहुंच और संयुक्त अनुसंधान में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.
कृषि व्यापार और सहयोग को मजबूत करने में खास रुचि दिखाई
दोनों देशों ने कहा कि वे नवाचार को बढ़ावा देंगे ताकि किसानों को सीधा लाभ मिल सके. रूसी मंत्री ओक्साना लुट ने भी कृषि व्यापार और सहयोग को मजबूत करने में खास रुचि दिखाई. रूसी प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ उप मंत्री मैक्सिम मार्कोविच, उप मंत्री मरीना अफोनिना, एफएसवीपीएस के प्रमुख सर्गेई डंकवर्ट और एशिया डिवीजन की निदेशक डारिया कोरोलेवा भी शामिल थीं.
भारत की तरफ से ये अधिकारी थे शामिल
भारत की ओर से इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इनमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव एम.एल. जाट, उर्वरक विभाग के सचिव रजत कुमार मिश्र, विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि और कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. सभी ने मिलकर भारत-रूस कृषि सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की.