बेटियों के उज्जवल भविष्य और समान अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ की शुरुआत की है. इस योजना के जरिए बालिकाओं को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि समाज में लैंगिक भेदभाव और कुरीतियों को जड़ से खत्म किया जा सके.
क्या है योजना का मकसद?
उत्तर प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह और बालिकाओं के प्रति भेदभाव जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए यह योजना लाई गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू हुई इस योजना के तहत बालिकाओं को छह चरणों में आर्थिक सहायता दी जाती है. इससे बेटियों को जन्म से लेकर पढ़ाई के हर पड़ाव पर संबल मिलता है.
कौन उठा सकता है लाभ?
‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ का लाभ वही परिवार उठा सकते हैं जो उत्तर प्रदेश के निवासी हों. योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी परिवार की सालाना आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा एक परिवार से अधिकतम दो बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिल सकता है. यदि किसी परिवार में जुड़वा बेटियां जन्म लेती हैं, तो दोनों को योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा. इसके अलावा, यदि किसी परिवार ने किसी बालिका को गोद लिया है, तो उसे भी योजना का लाभ देने का विशेष प्रावधान रखा गया है. इस योजना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जरूरतमंद परिवारों की बेटियों को आर्थिक सहायता मिले और वे शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ सकें.
कितनी मिलेगी मदद?
सरकार ने बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए कई स्तरों पर आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. बेटी के जन्म पर 5000 रुपये मिलेंगे. एक साल के भीतर टीकाकरण पूरा होने पर 2000 रुपये की अतिरिक्त मदद मिलेगी. इसके अलावा पहली कक्षा में प्रवेश पर 3000 रुपये, छठी कक्षा में फिर से 3000 रुपये और नवमीं कक्षा में दाखिला लेते ही 5000 रुपये की सहायता दी जाएगी. इतना ही नहीं, अगर बेटी स्नातक या दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेती है तो सरकार 7000 रुपये और देगी. यह पहल बेटियों को पढ़ाई और स्वास्थ्य के प्रति मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ी कोशिश है.
क्यों खास है यह योजना?
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से न सिर्फ बालिकाओं को जन्म से पढ़ाई तक आर्थिक सहारा मिल रहा है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच भी विकसित हो रही है. यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है, जो प्रदेश में बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी बन चुकी है.