OMSS योजना के तहत अगस्त से शुरू होगी गेहूं की नीलामी! 70 लाख टन बेचा जाएगा अनाज

चालू खरीफ सीजन में सरकार ने अब तक 300.35 लाख टन गेहूं खरीदा है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 265.95 लाख टन था. इस बंपर खरीद के चलते 1 जुलाई तक केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 365 लाख टन से ज्यादा हो गया है.

नोएडा | Updated On: 2 Jul, 2025 | 04:27 PM

केंद्र सरकार खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत अगस्त से गेहूं की बिक्री शुरू कर सकती है. कहा जा रहा है कि 31 मार्च 2026 तक 60 से 70 लाख टन गेहूं ई-नीलामी के जरिए बेचा जा सकता है. वहीं, खर्च सचिव की अध्यक्षता में बनी उच्चस्तरीय समिति ने गेहूं का रिजर्व प्राइस 2,550 रुपये प्रति क्विंटल (परिवहन लागत को छोड़कर) तय करने की सिफारिश की है.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक कब और कितना गेहूं बेचना है, इसका फैसला भारतीय खाद्य निगम (FCI) और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की आपसी सलाह से किया जाएगा. इससे पहले FCI को यह सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), बफर स्टॉक और किसी आपात स्थिति के लिए अतिरिक्त 20 लाख टन गेहूं अलग रखा जाए. सरकार को PDS के लिए करीब 200 लाख टन और बफर स्टॉक के लिए 75 लाख टन गेहूं की जरूरत होती है. यानी कुल 295 लाख टन गेहूं स्टॉक में रहने के बाद ही FCI OMSS के तहत अतिरिक्त गेहूं बेच सकती है.

अब तक 300.35 लाख टन गेहूं की खरीद

चालू खरीफ सीजन (जो 30 जून को खत्म हुआ) में सरकार ने अब तक 300.35 लाख टन गेहूं खरीदा है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 265.95 लाख टन था. इस बंपर खरीद के चलते 1 जुलाई तक केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 365 लाख टन से ज्यादा हो गया है. एक प्रमुख आटा मिल संचालक ने कहा कि पिछले साल सरकार ने OMSS के तहत करीब 30 लाख टन गेहूं बेचा था.

60 लाख टन गेहूं की होगी बिक्री

इस बार खरीद 34 लाख टन ज्यादा हुई है, तो सरकार आसानी से 60 लाख टन गेहूं OMSS में बेच सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि 2024-25 में उत्पादन भी अच्छा हुआ है और सरकार के पास पर्याप्त भंडार है, इसलिए बाजार में कीमतें पहले से ही स्थिर हैं.

गेहूं का प्रयाप्त स्टॉक

उन्होंने कहा कि आटा मिलें और बड़ी कंपनियां पहले से ही अगले 4- 6 महीनों के लिए स्टॉक कर चुकी हैं, इसलिए OMSS गेहूं की मांग पिछले साल जितनी नहीं हो सकती. सचिवों की समिति ने यह साफ कर दिया है कि सरकार निजी मिलों को अपने भंडार से गेहूं नहीं बेचेगी, ताकि वे ‘भारत’ ब्रांड के तहत रिटेल में आटा बेच सकें.

हालांकि, केंद्र सरकार की सहकारी संस्थाओं जैसे NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार को 2,550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने की अनुमति दी गई है, ताकि वे जनता को सस्ता आटा बेच सकें. इसके अलावा, सामुदायिक रसोई चलाने वाले NGO और अन्य संगठनों को भी इसी दर पर गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा.

Published: 2 Jul, 2025 | 04:22 PM