नासिक में बनेगा दुनिया का पहला राष्ट्रीय प्याज भवन, जानें कैसे बदलेगी किसानों की किस्मत
राष्ट्रीय प्याज भवन की शुरुआत नासिक जिले की सिन्नर तहसील के जयगांव क्षेत्र में लगभग दो एकड़ भूमि पर की जाएगी. पहले चरण में इस परियोजना पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है, जिसे किसान स्वयं आपसी सहयोग से जुटाएंगे.
Maharashtra News: नासिक जिले के सिन्नर से देश के किसानों के लिए एक बड़ी और उम्मीद जगाने वाली खबर सामने आई है. यहां दुनिया का पहला और सबसे बड़ा ‘राष्ट्रीय प्याज भवन’ बनने जा रहा है, जो पूरी तरह प्याज किसानों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा. इस परियोजना की घोषणा महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने सिन्नर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. किसानों के बीच लंबे समय से चली आ रही अनिश्चितता, घाटे और कर्ज की समस्या को खत्म करने की दिशा में इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.
सिन्नर में बनेगा किसानों का अपना केंद्र
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय प्याज भवन की शुरुआत नासिक जिले की सिन्नर तहसील के जयगांव क्षेत्र में लगभग दो एकड़ भूमि पर की जाएगी. पहले चरण में इस परियोजना पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है, जिसे किसान स्वयं आपसी सहयोग से जुटाएंगे. भविष्य में जरूरत के अनुसार इसका विस्तार भी किया जाएगा. इस भवन को केवल एक इमारत नहीं, बल्कि प्याज किसानों के लिए निर्णय और दिशा तय करने वाला केंद्र बनाने की योजना है.
प्याज खेती को मिलेगा भरोसे का आधार
भारत दिघोले ने कहा कि अब तक प्याज की खेती अस्थिरता और जोखिम से भरी रही है. कभी दाम गिर जाते हैं तो कभी निर्यात बंद हो जाता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. राष्ट्रीय प्याज भवन बनने के बाद खेती को वैज्ञानिक, संगठित और लाभकारी बनाने की दिशा में काम होगा. उनका कहना है कि इससे प्याज की खेती भरोसेमंद और टिकाऊ बन सकेगी.
किसानों की भागीदारी से होंगे बड़े फैसले
भारत दुनिया के प्रमुख प्याज उत्पादक देशों में शामिल है, इसके बावजूद आयात, निर्यात, बफर स्टॉक और कीमतों से जुड़े फैसले अक्सर किसानों की राय के बिना लिए जाते रहे हैं. राष्ट्रीय प्याज भवन के जरिए ऐसे सभी फैसले किसानों की भागीदारी और नेतृत्व में किए जाएंगे. इससे नीतियां जमीनी हकीकत के अनुरूप बन सकेंगी और किसानों का हित सुरक्षित रहेगा.
खेती से बाजार तक एक मजबूत व्यवस्था
इस केंद्र के माध्यम से प्याज के बीजों पर शोध, गुणवत्ता जांच, पौध पोषण, खाद और कीटनाशकों का वैज्ञानिक उपयोग, और फसल की निगरानी जैसे काम सामूहिक रूप से किए जाएंगे. उत्पादन लागत घटाने के लिए सामूहिक खरीद व्यवस्था भी विकसित की जाएगी. साथ ही मंडियों में होने वाले प्याज व्यापार को भी पारदर्शी और नियंत्रित बनाने की दिशा में प्रयास होंगे.
किसान से उपभोक्ता तक सीधी बिक्री
राष्ट्रीय प्याज भवन की एक बड़ी खासियत यह होगी कि यहां से किसान से सीधे उपभोक्ता तक प्याज पहुंचाने की व्यवस्था बनाई जाएगी. इससे बिचौलियों की लंबी श्रृंखला कम होगी और किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिलेगा. वहीं, उपभोक्ताओं को भी स्थिर और उचित कीमत पर प्याज उपलब्ध हो सकेगा.
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा भवन
इस भवन में किसानों और प्याज कारोबार से जुड़े लोगों के लिए ठहरने, भोजन, बैठक और प्रशिक्षण की सुविधाएं होंगी. आधुनिक प्रयोगशालाएं, इंटरनेट, कंप्यूटर और सम्मेलन हॉल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि देश-विदेश से आने वाले विशेषज्ञ और व्यापारी यहां आसानी से काम कर सकें.
किसानों के हक की बनेगी आवाज
भारत दिघोले ने साफ कहा कि यदि कभी सरकार की नीतियां किसानों के खिलाफ जाती हैं, तो राष्ट्रीय प्याज भवन चुप नहीं बैठेगा. संवाद के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर आंदोलन का रास्ता भी अपनाया जाएगा. कुल मिलाकर, यह परियोजना प्याज खेती को घाटे से निकालकर एक सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने की मजबूत पहल मानी जा रही है.