पशुपालन विभाग द्वारा राजस्थान में ऊंटों की सेहत को ध्यान में रखते हुए एक विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. यह शिविर उष्ट्र रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लगाया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य ऊंटों में फैलने वाली बीमारियों की पहचान, रोकथाम और इलाज करना था. इस शिविर में बड़ी संख्या में ऊंटपालकों और पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों ने भाग लिया.
ऊंटों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ
आज पशुपालन विभाग द्वारा उष्ट्र रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें ऊँटों के स्वास्थ्य परीक्षण, रोगों की रोकथाम एवं उपचार संबंधी सेवाएं प्रदान की गईं।
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— Department of Animal Husbandry Rajasthan (@rajanimalhus) July 31, 2025
शिविर में आए सभी ऊंटों का विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। डॉक्टरों ने ऊंटों की आंखें, दांत, खुर और त्वचा की जांच की. इसके अलावा ऊंटों को सामान्य बीमारियों जैसे कि गले की सूजन, खाज-खुजली, पेट की बीमारी और संक्रामक रोगों के लक्षणों के लिए भी परखा गया. कई ऊंटों को विटामिन और मिनरल की कमी पाई गई, जिनके लिए डॉक्टरों ने विशेष दवाइयां और सप्लीमेंट्स दिए.
रोगों की रोकथाम के लिए टीकाकरण भी किया गया
शिविर में ऊंटों को बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण (Vaccination) भी किया गया. पशु चिकित्सकों ने बताया कि टीकाकरण से ऊंटों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. खासकर उष्ट्र रोग (Camel Pox) और अन्य संक्रामक रोगों के लिए यह टीके बेहद जरूरी हैं. कई ऊंटपालकों ने पहली बार अपने ऊंटों को टीका लगवाया और इसे जरूरी और लाभकारी बताया.
ऊंटपालकों को दी गई उपयोगी जानकारी
शिविर में न केवल ऊंटों का इलाज किया गया बल्कि ऊंटपालकों को उनके पालन-पोषण, खान-पान और बीमारियों की पहचान के बारे में भी जानकारी दी गई. विशेषज्ञों ने बताया कि ऊंटों को समय-समय पर साफ पानी, संतुलित चारा और खुले वातावरण में रखना चाहिए. ऊंटों की साफ-सफाई और रहने की जगह को कीट-मुक्त रखना भी बहुत जरूरी है. इससे रोगों की संभावना कम होती हैं
ऊंटपालकों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
शिविर में आए ऊंटपालकों ने पशुपालन विभाग के इस प्रयास की सराहना की. उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऊंटों के इलाज के लिए उन्हें दूर-दूर जाना पड़ता है, लेकिन इस शिविर से उन्हें बहुत सुविधा हुई. कुछ पशुपालकों ने यह भी सुझाव दिया कि ऐसे शिविरों का आयोजन हर 6 महीने में किया जाए ताकि ऊंटों की सेहत अच्छी बनी रहे.
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