इस मिक्स ब्रीड मुर्गी पालकर कमा सकते हैं महीने के 60 हजार, जान लें पूरा प्रॉसेस

गांव-कस्बों में बढ़िया कमाई के लिए किसान मुर्गी पालन करते हैं. लेकिन, सही नस्ल का चुनाव नहीं कर पाने के चलते उन्हें उम्मीद के मुताबिक कमाई या मुनाफा नहीं हो पाता है. ऐसे में यहां उन्हें ऐसी मिक्स ब्रीड मुर्गी नस्ल के बारे में बताया जा रहा है जो मुर्गी पालकों की कमाई को बढ़ा देगा.

Kisan India
नोएडा | Published: 13 Oct, 2025 | 12:15 PM

Poultry Farming : ग्रामीण भारत में किसान अब मुर्गी पालन से अच्छी आमदनी कमा रहे हैं. खासकर देसी नस्ल की सोनाली मुर्गी (Desi Sonali chicken) छोटे और बड़े किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. कम लागत, तेज ग्रोथ और बाजार में मांग होने के कारण यह मुर्गी हर किसान के लिए फायदेमंद है. अगर आप भी पशुपालन के जरिए आय बढ़ाना चाहते हैं, तो देसी सोनाली मुर्गी आपके लिए सही विकल्प है.

देसी सोनाली मुर्गी क्या है?

देसी सोनाली मुर्गी एक हाइब्रिड नस्ल (Hybrid Breed) है, जिसे रोड आइलैंड रेड और देसी लेघॉर्न को मिलाकर तैयार किया गया है. यह दिखने में पारंपरिक देसी मुर्गी जैसी होती है, लेकिन उत्पादन क्षमता ब्रायलर मुर्गियों जितनी तेज है. 2-3 महीने में यह 1.5 से 2 किलोग्राम तक वजन बढ़ा लेती है. इसकी तेज ग्रोथ और कम चारा में बढ़ने की क्षमता किसानों को खूब भा रही है.

सोनाली मुर्गी की खास विशेषताएं

सोनाली मुर्गी के कई फायदे हैं:-

  • इसका देसी लुक और रंग ग्राहकों को आकर्षित करता है.
  • यह किसी भी मौसम में जीवित रह सकती है- गर्मी, सर्दी या बरसात  कोई फर्क नहीं पड़ता.
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने के कारण दवाइयों की जरूरत कम पड़ती है.
  • पालतू चारा की आवश्यकता नहीं, खेत या घर के अवशेष भी पर्याप्त हैं.
  • इन सभी कारणों से यह मुर्गी छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी आदर्श साबित हो रही है.

उत्पादन क्षमता और लाभ

सोनाली मुर्गी एक साल में 180 से 200 अंडे देती है. अंडों की कीमत  बाजार में 8 से 12 रुपए प्रति अंडा तक रहती है. इसके अलावा, मांस की कीमत 250 से 500 रुपए तक जाती है. यदि कोई किसान 100 सोनाली चूजे पालता है, तो 4 महीने में लगभग 60,000 से 1 लाख रुपए तक की आमदनी कर सकता है. अगर किसान खुद का चारा और दवा का प्रबंधन करता है, तो मुनाफा और भी ज्यादा बढ़ सकता है.

बाजार में मांग और अवसर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में देसी सोनाली मुर्गी की मांग तेजी से बढ़ रही है. लोग देसी अंडे और मांस दोनों की गुणवत्ता को पसंद कर रहे हैं. इस कारण, किसान आसानी से अपने उत्पाद को अच्छी कीमत में बेच सकते हैं. देसी नस्ल होने के कारण यह मुर्गी उपभोक्ताओं को भरोसेमंद और प्राकृतिक विकल्प लगती है. यही वजह है कि बाजार में इसकी मांग  दिन-ब-दिन बढ़ रही है.

क्यों है किसान के लिए लाभकारी

देसी सोनाली मुर्गी  छोटे निवेश में तेज मुनाफा देती है. कम चारा, कम दवा, तेज ग्रोथ और उच्च अंडे-मांस उत्पादन इसे सबसे लाभकारी बनाते हैं. किसान इसे आसानी से घर या खेत में रख सकते हैं और दोहरी आय प्राप्त कर सकते हैं. अगर आप भी ग्रामीण भारत में पशुपालन  से आय बढ़ाना चाहते हैं, तो देसी सोनाली मुर्गी आपके लिए सबसे आसान और सुरक्षित विकल्प है.

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