पंजाब में बाढ़ के पानी से 5000 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद, किसानों को नुकसान

हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण ब्यास नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ गया और उसने आस-पास के बड़े हिस्से को डुबो दिया. इससे फसलों को नुकसान हुआ है.

नोएडा | Published: 16 Aug, 2025 | 03:13 PM

पंजाब के कपूरथला जिले में बाढ़ से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग और जिला प्रशासन के अनुसार, सुल्तानपुर लोधी के 15 से ज्यादा गांवों में करीब 5,000 एकड़ जमीन पानी में डूब गई है. कई जगहों पर पानी छह फीट तक पहुंच गया है, जिससे खड़ी धान की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अब किसान फिर से धान की रोपाई कर सकते हैं. ऐसे में आर्थिक बोझ और बढ़ जाएगा.

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कपूरथला प्रशासन ने सुल्तानपुर लोधी के पास लाख वरियां गांव के सरकारी स्कूल में बनाए गए राहत केंद्र में निचले इलाकों (मंड क्षेत्रों) के लोगों से शिफ्ट होने की अपील की है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें भी तैनात की गई हैं, जो प्रभावित गांवों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रही हैं. इलाके में तीन रेस्क्यू बोट लगाई गई हैं, जो लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने और फंसे हुए लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाने का काम कर रही हैं.

तुरंत इलाज के लिए मेडिकल टीमें भी तैनात की गईं

यह स्थिति उस समय बनी जब हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण ब्यास नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ गया और उसने आस-पास के बड़े हिस्से को डुबो दिया. जारी बयान के अनुसार, राहत कार्यों की निगरानी के लिए एडीसी (जनरल) को कुल प्रभारी नियुक्त किया गया है. वह सुल्तानपुर लोधी में तैनात रहेंगी. राहत केंद्र में सूखा राशन, पीने का पानी और दवाइयों का पर्याप्त भंडार है. जरूरत पड़ने पर तुरंत इलाज के लिए मेडिकल टीमें भी तैनात की गई हैं.

सहायता के लिए 01822-231990 पर संपर्क करें

डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार पांचाल ने निचले मंड क्षेत्रों के लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित रूप से राहत केंद्र में शिफ्ट हो जाएं. उन्होंने कहा कि प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. सहायता के लिए 01822-231990 पर संपर्क करें. ड्रेनेज, राजस्व, स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी सुल्तानपुर लोधी में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं. ड्रेनेज विभाग को धुस्सी बांधों की लगातार निगरानी करने को कहा गया है. ये मिट्टी के बांध नदी के किनारे बनाए गए हैं, ताकि बाढ़ को रोका जा सके और किसी भी तरह की टूट-फूट से बचाव किया जा सके.

48 हजार एकड़ में कपास की फसल बर्बाद

बता दें कि केवल पंजाब में ही नहीं, बल्कि हरियाणा में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण कपास की फसल को नुकसान पहुंचा है. इससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. खास कर ‘कॉटन बेल्ट’ माने जाने वाले हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी जिले में बारिश से कपास की फसल की ज्यादा बर्बादी हुई है. हालांकि, लेकिन पिछले कुछ सालों से लगातार सफेद मक्खी और गुलाबी सुंडी जैसे कीटों के हमलों से भी कपास की फसल को नुकसान पहुंच रहा है. इसकी वजह से धीरे-धीरे यहां कपास की खेती का रकबा भी कम होता जा रहा है. खास बात यह है कि इन जिलो में 48 हजार एकड़ में कपास की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है.

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