बरसात के अंतिम दौर में खेतों में धनिया बोने से फसल जल्दी तैयार होती है. पत्ती वाले धनिया के लिए एक माह और बीज वाले के लिए दो माह में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है.
उद्यानिकी विभाग के तहत धनिया की खेती पर अनुदान मिलता है. सामान्य वर्ग के किसानों को 10,000 और अनुसूचित जनजाति के लिए 14,000 रुपये तक की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.
एक एकड़ खेत में धनिया की बुवाई के लिए लगभग 8 किलो बीज की आवश्यकता होती है. खेत की तैयारी में लगभग 3,000 रुपये की लागत आती है और रोटावेटर या कल्टीवेटर से 2-3 बार जोताई करनी होती है.
हाइब्रिड बीज जैसे ईस्ट-वेस्ट, समृद्धि सीड्स या गंगा सीड्स का इस्तेमाल करने से अंकुरण जल्दी होता है और उत्पादन बेहतर मिलता है. इससे समय और लागत दोनों में फायदा होता है.
ज्यादा बारिश वाले दिनों में ऊंचाई वाली भूमि का चयन करें. जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें और आर्दता बनाए रखने के लिए शेड नेट का प्रयोग करें, जिससे फसल खराब न हो.
ऑफ-सीजन धनिया खेती से किसान एक एकड़ पर लगभग 2 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. बारिश में कम किसान बोते हैं, इसलिए कीमत और मांग अधिक रहती है, जिससे फायदा बढ़ता है.