Mandi Bhav: किसानों को नुकसान से निकालने के लिए MSP पर होगी टमाटर की खरीद? 2 रुपये किलो हुआ रेट

आंध्र प्रदेश में टमाटर किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि मंडियों में दाम 2 से 6 रुपये प्रति किलो तक गिर गए हैं.रायतू संघम ने सरकार से टमाटर के लिए 25 रुपये प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने और मार्कफेड के जरिए खरीद की मांग की है.

Kisan India
नोएडा | Published: 16 Sep, 2025 | 12:55 PM

Tomato Price Fall: आंध्र प्रदेश में टमाटर किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि कुरनूल जिले की मंडियों में रेट गिरकर 2 रुपये किलो हो गया है. लगभग यही हाल मदनपल्ले, तंबल्लपल्ले  और पिलेरु मंडी का भी है. ऐसे में आंध्र प्रदेश रायतू संघम ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह टमाटर किसानों की मदद के लिए तुरंत कदम उठाए. संघम के राज्य अध्यक्ष वी. कृष्णैया और महासचिव के. प्रभाकर रेड्डी ने बयान जारी कर कहा कि सरकार को टमाटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 25 रुपये  प्रति किलो तय करना चाहिए और मार्कफेड के जरिए खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि किसानों को बिचौलियों के शोषण से बचाया जा सके. हालांकि, अभी राज्य सरकार राज्यों में 1200 रुपये क्विंटल की दर से प्याज की खरीद कर रही है. ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि नुकसान से निकालने के लिए सरकार टमाटर की खरीद भी MSP पर शुरू कर सकती है.

खाद और कीटनाशकों की कीमतें बढ़ गईं

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, संघम के राज्य अध्यक्ष वी कृष्णैया का कहना है कि बीज, खाद और कीटनाशकों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं, जिससे खेती की लागत काफी ज्यादा हो गई है. किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं. इस साल मिर्च, तंबाकू, आम, पपीता और प्याज की खेती करने वाले किसानों को पहले ही भारी नुकसान हो चुका है और अब टमाटर किसानों की हालत भी बेहद खराब हो गई है. कुरनूल जिले में टमाटर के दाम 2 रुपये प्रति किलो तक गिर गए हैं, जबकि मदनपल्ले, तंबल्लपल्ले, पिलेरु और कडिरी जैसे क्षेत्रों में 5 से 6 रुपये प्रति किलो मिल रहे हैं.

संघम नेताओं ने कहा कि किसानों को टमाटर की खेती में लागत निकालने के लिए कम से कम 20 से 25 रुपये प्रति किलो का दाम मिलना जरूरी है. लेकिन इसके बजाय व्यापारी मिलकर सिंडिकेट बना रहे हैं और जानबूझकर दाम गिरा रहे हैं. बाजार के अधिकारी भी किसानों का साथ देने के बजाय इन व्यापारियों का पक्ष ले रहे हैं.

किसानों को नहीं मिला फायदा

नेताओं ने याद दिलाया कि इस साल सरकार ने मिर्च और आम के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मार्केट इंटरवेंशन फंड की घोषणा की थी, लेकिन उसका फायदा किसानों को नहीं मिला. सरकार ने जो कीमतों में अंतर भरपाई देने का वादा किया था, उसका एक रुपया भी किसानों के खातों में नहीं आया. उन्होंने कहा कि तंबाकू की खरीद भी मार्कफेड के जरिए अधूरी रही और वह भी सरकार द्वारा तय कीमत से कम दाम पर की गई. साथ ही सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह कंपनियों और व्यापारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही.

व्यापारी सिंडिकेट पर कार्रवाई करे सरकार

संघम ने मांग की कि सरकार तुरंत टमाटर के व्यापारी सिंडिकेट पर कार्रवाई करे, उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करे और सीधे सरकारी एजेंसियों के जरिए टमाटर की खरीद शुरू करे. उन्होंने कहा कि सरकार को अब खोखले वादे बंद करने चाहिए और किसानों की हिफाजत के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

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