कार्बाइड एक जहरीला केमिकल है जो फलों को जल्दी पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके संपर्क में आने से सिरदर्द, मतली, चक्कर और यहां तक कि कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.
नेचुरल तरीके से पके केले का छिलका गहरा पीला और हल्का दागदार होता है. जबकि कार्बाइड वाला केला एक जैसा चिकना और हल्के पीले रंग का नजर आता है.
कार्बाइड से पके केले अक्सर ऊपर से पके दिखते हैं लेकिन अंदर से कच्चे रहते हैं. इसका अंदरूनी भाग हल्का हरा होता है, जो नुकसानदायक होता है.
केले की पहचान करने के लिए एक बर्तन में पानी डालें और उसमें केला रखें. अगर केला डूब जाए तो वह नेचुरल तरीके से पका होता है और अगर तैरने लगे तो उसमें केमिकल मिलाया गया है.
असली केला छूने पर मुलायम होता है लेकिन आकार बना रहता है. वहीं कार्बाइड वाला केला बाहर से सख्त होता है और भीतर अधपका लगता है.
यदि केला कहीं से पका और कहीं से कच्चा दिखे, तो यह साफ इशारा है कि वह नेचुरल तरीके से नहीं पका. कार्बाइड से पके फल में यही असमानता दिखती है.