5 साल में 11 लाख कम हो गए PM Kisan के लाभार्थी, इस वजह से संख्या में आई भारी गिरावट
पंजाब में पीएम-किसान योजना के लाभार्थियों की संख्या 23 लाख से घटकर अब 11.35 लाख रह गई है. जांच के बाद अपात्र किसानों को हटाया गया और e-KYC अनिवार्य किया गया.
पंजाब में केंद्र सरकार की प्रमुख स्कीम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) के लाभार्थियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. साल 2018-19 में जब यह योजना शुरू हुई थी, तब राज्य में 11 लाख से ज्यादा किसान पीएम किसान स्कीम से जुड़े थे. फिर चौथी किस्त के दौरान साल (दिसंबर 2019- मार्च2020) में यह आंकड़ा तेजी से बढ़कर 23 लाख तक पहुंच गया, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे घटकर अब फिर से करीब 11.25 लाख किसानों पर आ गया है. यानी 5 साल में ही 11 लाख 75 हजार लाभार्थी कम हो गए हैं. खास बात यह है कि 2 अगस्त को जारी 20वीं किस्त के दौरान ये आंकड़ा सामने आया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम-किसान योजना फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, ताकि जमीन रखने वाले किसानों को आर्थिक मदद दी जा सके. इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता तीन बराबर किस्तों में सीधे उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजी जाती है.शुरुआती सालों में पंजाब के किसानों का जबरदस्त रिस्पॉन्स रहा. उदाहरण के लिए, तीसरी किस्त (अगस्त- नवंबर 2019) में 22.21 लाख किसानों को 2,000 रुपये की राशि मिली और 483.42 करोड़ रुपये जारी किए गए. यह आंकड़ा चौथी किस्त (दिसंबर 2019- मार्च 2020) में बढ़कर 23.01 लाख किसानों तक पहुंच गया.
कब कितने कम हुए लाभार्थी
हालांकि, समय के साथ पीएम-किसान योजना से जुड़े किसानों की संख्या में लगातार गिरावट आने लगी. पांचवीं किस्त (अप्रैल–जुलाई 2020) तक यह संख्या घटकर 19.01 लाख रह गई, जो पहले के मुकाबले 17 फीसदी की कमी थी. आठवीं किस्त (अप्रैल- जुलाई 2021) में यह और गिरकर 17.60 लाख रह गई, और दसवीं किस्त (दिसंबर 2021- मार्च 2022) में यह संख्या 17.13 लाख तक पहुंच गई.
सबसे बड़ी गिरावट बारहवीं किस्त (अगस्त- नवंबर 2022) में देखने को मिली, जब सिर्फ 2.07 लाख किसान ही योजना के लाभार्थी रह गए. यह 23 लाख के पीक से 91 फीसदी की भारी गिरावट है. अधिकारियों के मुताबिक, पीएम-किसान योजना से जुड़े किसानों की संख्या में आई गिरावट की वजह एक सख्त जांच अभियान था, जिसके तहत डुप्लीकेट और अपात्र किसानों को सूची से हटा दिया गया. इसके अलावा, लाखों किसान तय समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए और कई का जरूरी e-KYC भी पूरा नहीं था.
हालांकि, 2022 के बाद स्थिति में सुधार आया है, लेकिन अभी तक राज्य के सभी किसानों तक योजना नहीं पहुंच पाई है.. 13वीं किस्त (दिसंबर 2022- मार्च 2023) में 8.61 लाख किसानों को लाभ मिला, जबकि 19वीं किस्त (दिसंबर 2024- मार्च 2025) तक यह संख्या बढ़कर 10.58 लाख हो गई. 20वीं किस्त (अप्रैल- जुलाई 2025) में 11.35 लाख किसान योजना से लाभान्वित हुए.
इस वजह से कम हुए लाभार्थी
पंजाब सरकार के एक सर्वे (कांग्रेस शासन 2017- 2022 के दौरान) के अनुसार, राज्य में लगभग 19 लाख किसान हैं, जबकि अब तक केवल 11.34 लाख ही इस योजना से जुड़ पाए हैं. अधिकारियों का कहना है कि अभी भी कई किसान पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं हैं. इसी को देखते हुए कृषि विभाग गांव-गांव जाकर बायोमेट्रिक सुविधा दे रहा है और किसानों से अपील कर रहा है कि वे समय पर अपना वार्षिक e-KYC पूरा करें ताकि योजना का लाभ जारी रहे. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU), लुधियाना के अनुसार, पहले पंजाब में लगभग 11 लाख खेती करने वाले परिवार थे, लेकिन जमीन के बंटवारे के बाद यह संख्या और बढ़ गई है.
8 लाख किसान योजना के पात्र
अधिकारियों ने कहा कि योजना की शुरुआत में ज्यादा सख्ती नहीं होने के कारण एक ही परिवार के कई सदस्य योजना में रजिस्टर्ड हो गए थे. लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, नियम कड़े किए गए और संख्या में गिरावट आई. फिर भी, अभी भी पंजाब में 7 से 8 लाख किसान ऐसे हैं जो इस योजना के लिए पात्र हो सकते हैं.